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शाम से दिल में सुलग रहा कोई,
बुझती हुई लकड़ियों में पक रहा कोई,
हज़ार बार उम्मीद दम तोड़ती रही हैं,
फिरभी दस्तक पर सज रहा कोई,
... Read more
चिता की आग में जल रहा हूँ मै ,
तेरे मिलने को मचल रहा हूँ मै,
एक रोज़ कभी मिली थी फ़ुलो की सेज़,
जबकि रोज़ काँटों पर चल रहा हूँ ... Read more
रश्मे ख़त कभी कभी निभाया तो करो ,
बंद होके लिफाफे में,घर आ जाया तो करो ...
खुद ही सरका दो पह्लू ,हसीन ज़ानो से,
घबरा कर फिर,द... Read more
बैठ के सुबह शाम को,मैं लिखता रहा ,
ख़त एक अन्जान को मैं लिखता रहा .
नीद कम आंख नम होने लगी ,
फिर भी ख्याल गुमनाम को मैं लिखता... Read more
एक इबादत एक दुआ हैं माँ,
मेरी सारी मन्नते मेरा ख़ुदा है माँ,
हार जाती हैं जमाने भर की मुश्किले
हर उलझन को आसा हैं माँ,
क्यो स... Read more
जो तेरा ज़िक्र मेरी जुबान पे हैं
चाँदनी नीली रात फिर उफ़ान पे है .. . !!!
एक बार जो वो गुलबदन गुज़रा था यां से,
उसकी खुशबु कबस... Read more