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मैं बड़ी लेखिका-कवियत्री नहीं हूँ । बचपन से ही शौक से लिखती हूँ । लंबे अंतराल के बाद हमसफ़र राज और पुत्र रिषभ के प्रेरित करने पर मेरी कलम फिर से शब्दों को पिरोने लगी है । मैं अपनी रचना “माँ की सीख-बेटी की टीस” अपने मम्मी-पापा को समर्पित करती हूं । विभिन्न पत्रिकाओं में लेख और कवितायें प्रकाशित होते हैं।
– सौ. सुमिता राजकुमार मूंधड़ा ।
sumitamundhra@gmail.com
“मेरी कलम से – मेरी कवितायें”