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हम फकीरों का बस इतना सा फ़साना है, न अम्बर मिला न ज़मीं पे आशियाना… Read more
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हम फकीरों का बस इतना सा फ़साना है,
न अम्बर मिला न ज़मीं पे आशियाना है।
Books:
आराधन, तितिक्षा, गुलनार, गुलज़ार, मधुबन, काव्याक्षर