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फिर ली करवट मौसम ने यूँ, गूँज उठा जग सारा है ।
दस्तक दी ऐसी मनमोहक, वाह क्या ख़ूब नज़ारा है ।।
बीते कुछ दिन पिछले मानो, छिपे कहीं हम... Read more
आ, गई जी लोहड़ी फिर से, जश्न को सब तैयार हैं ।
नए वर्ष के प्रथम पर्व से, भरे हुए बाज़ार हैं ।।
चौतरफ़ा है रंगत बिखरी, चहक उठा परिवेश ... Read more
जग में था जब जन्म लिया तब खूब मुझे सहलाया था ।
जीवन का कुछ पता नहीं उस आँचल में सुख पाया था ।।
पहली दफा जब उसे पुकारा माँ ही माँ म... Read more