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सूर्य देवता हैं, या पोषक हैं ?
ये अन्धकार के अवशोषक हैं ,
जल - जीवन , हरियाली
सब इनसे पोषित हैं,
नवजीवन देते हैं,
जो रोगों ... Read more
उत्साह, उमंग ,प्रकाश का इज़हार है
आज दीपावली ,दीपोत्सव का बहार है,
अन्धकार पर प्रकाश लाए
मन में नई आस लाए,
गांव घर व शहर मुह... Read more
देख- देख के रोना क्या,
जिंदगी में पाना और खोना क्या ,
आज हमारा था जो ,कल हुआ बेगाना .
दुःख ,उदासी पीड़ा मायूसी में क्या जीना ।
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फ़टी आँखों से आकाश देखते हैं
रोज सुबह-शाम बादल का मिज़ाज देखते हैं,
देखते हैं जब आसमान में थोड़ा सा बादल,
तो मन में आस लगा लेते हैं,... Read more
भीषण गर्मी, भीषण गर्मी
लगती है बेरहमी,
जीव जंतु और पादप
सब इससे हैं आतप,
औऱ नही प्रचण्ड है
ये प्रकृति का दंड है,
और कोई नही ... Read more
बहुत कहा बहुत सुना
बहुत हुई मनमानी,
न्यायालय ने भी लिख दिया
अपनी गजब कहानी ,
अब और नहीं चाहिए सरकार की रजामंदी
बस सिर्फ़ और सिर्... Read more
खूब मिठाई खाएंगे
15 अगस्त मनाएंगे,
हर बरस शहीदों के,नाम पर दीये जलाएंगे
खूब मिठाई......
अंग्रेजी और अंग्रेजों को देश से
ब... Read more
मांगो के अनुरूप अवलोकन होगा
समयकाल के अनुसार संशोधन होगा
संविधान ब्रह्मा की लिखी लकीर नही
जो संशोधन किया वह फकीर सही
अब क... Read more
याद आती है आपकी याद आती है,
देखता हूँ तस्वीरों को तो स्मृतियां साफ नजर आती है,
आप छोड़ चले गए ऐसे
कोई भूल हो गई हो हमसे,
कमी ... Read more
होली नही हुँकार है
बस दो दिनों का प्यार है
शुभकामना देने वालो कि बाजार है
फिर दुश्मन हजार हैं
और नही शोषक सरकार है
ऊपर से महंगा... Read more
शिव देवता नहीं
मानवता के धोतक हैं
नित ध्यान व खोज में रहने वाले
वैज्ञानिकता के बोधक हैं ।
जग कल्याण हेतु विषपान कर
नीलकंठ ... Read more
उठ जागा वीर सपूतों ने
मुँहतोड़ जवाब दिया
जो कायराना काम किया था कुतो ने ।
हम वीर शहीदों के अमर कहानी हैं
शौर्य-पराक्रम के अमिट... Read more
कोई नरम है कोई गरम है
पर किसी में सरम नही
विकास कोई करता नही
बस पार्टी का भरम है ।
कोई भगवा वस्त्र पहन
हिन्दू वोट बनाता है,... Read more
हम आहत हैं
सेना लहूलुहान
हे वीरो, मेरी लेखनी
करती तुझे सलाम ।
संकट की घड़ी में
देश साथ रहे
घरनी पर तेरे
ईश्वर का हाथ रहे ;
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जब न्याय में देरी होती है
वह अन्याय की श्रेणी होती है
तीन महीना बहस चला
चार महीनों से सुरक्षित है
कब आएगा फैसला ?
नियोजित शिक... Read more
कभी-कभी लगता है
वो कुछ करता नही,
पर ऐसा नही वो सबकुछ करता है ;
कभी ऐसी घटना घटती है
कि,... Read more
हे श्वेताम्बरा स्वर दे
हर गुण मुझमें भर दे
बुराइयों से रहित कर दे
साहित्य संगीत - कला सहित कर दे
कर दे हमको नित्य-नवीन
हो जा... Read more
गणित है यह गणित है
इसको पढ़ना भारत की पुरानी रीत है ।
आर्यभट्ट ने किया जब शून्य का खोज
तो ज्ञान के क्षेत्र में भारत की यह जीत है... Read more
दहशत भरी समाज में जीवन जिया कैसे जाए
एक समस्या खतम(खत्म) होती नही कि दूजी खड़ी हो जाए ,
मन में भय आशंका रहती
हर- पल एक चिंता रहत... Read more
पेशा या मज़बूरी
गौर करना है जरूरी -
टूटा हाथ दिखाकर
लोगों को गुमराह बनाते हैं,
कर्म नही मक्कारी करके
अपना काम चलाते हैं ,
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मतदान हमारा अधिकार है,
इसको करना नही बेकार है
सोच-समझ कर देना भाई
दागी-दबंग नही स्वीकार है ।
जनमानस का जो रखे ख्याल
वही होत... Read more
मेरा विराट रूप अब हो गया है सूक्ष्म
जब से लाए हो तुम मुझे उठाकर ,
मेरा बड़ा था एक परिवार
जहां खुशियां मिलती थी चारो ओर
हवा मिलती... Read more
हम प्रकृति के प्रांगण में
खुशियां मनाएं हर आंगन में
माँग -माँग कर खाय हम
क्या मजा है मांगन में ।
शोर -शराबा खूब करें हम
न... Read more
एक अशांत महिला कर्मी
उसके बातों में नही थी नर्मी
शायद कामों की अधिकता से थी परेशान
लोगों की बातों पर नही दे रही थी ध्यान
इसपर ... Read more
मन पावन
था मौसम सावन
पिया का आवन
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काजल काला
उसका रखवाला
था मनोहर
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चढ़ती धूप
चिलचिलाती गर्मी
क... Read more
पोषण के नाम पर
शोषण
हर जगह है शोषण
चाहे हो रेल चाहे हो जेल
हर जगह है शोषण का खेल
कहीं श्रम शोषण
कहीं यौन शोषण
कह... Read more
गुड ऑफ्टर नून की कानों में आवाज पड़ी
जब देखा तो एक बाला थी खड़ी
पल भर में मेरी नजर लड़ी
उसने बातों की बौछार छोड़ी
जो मेरे दील पर आन... Read more
आओ मन की दीये जलाते
धूप - बती का पैसा बचाते
उन पैसों का महल बनाके
बेघरों को घर दिलाते
उसके घरों में खुशियां लाते,
क्योंकि जि... Read more
मैं विक्षिप्त हूँ शांति के लिए
यह आती है कहाँ से
और चली जाती है कहाँ
अभीतक मैं इसी संशय से युक्त हूं ।
जब ढूंढता हूं म... Read more
काश अभी बच्चा होता
मेरे खिलौने साथ रहते
मैं घर का शहनशाह होता ।
मेरा चिलाना मेरी मनमानी नही
मेरी आवश्यक्ता होती,
र... Read more
प्रजा बदली राजा बदल गए
बदल गई सरकार,
सुधरा न मेरा सिस्टम
कम हुआ न अत्याचार ।
गंदी नली के कीड़े करते हैं मनमानी
स्वेत नदी की मछ... Read more
आशिकी प्रेम का पैगाम मांगती -2
बदले में घर परिवार की बलिदान मांगती
प्रेम की रंगभूमि में खरा उतरने के लिए
इंतिहान ... Read more
मेरा न रंग रूप आकार है
स्वादहीन गन्धहीन हूं ,
पर सबकी जिंदगानी
मैं पानी ।
करता हूं लम्बी यात्रा
समंदर से चलता हूं,
हवा के सह... Read more
गणतंत्र आया ,गणतंत्र आया
देखो कलुआ 26 जनवरी गणतंत्र आया।
कलुआ कुछ समझ न पाया
मन ही मन दुहराया
गणतंत्र आया , गणतंत्र आया।
ब... Read more
जब बादल वर्षा कर न सके
तो ओस बन गिर जाता है,
प्यासे पौधे को जब तृप्त कर न सके
तो उसका कंठ भिंगोता है।
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मां तेरा क्या कसूर,
बेटा तुझे पहचान न सका,
बुढापे में तुझे अपना न सका,
देख लेना होगा वैसा उसके साथ जरूर।
बड़ी विडंबना है इस ज... Read more
गुरु ज्ञान भंडार है, उसकी पूजा में संसार है, हाथ पकड़ ले जो कोई उसका बेड़ा पार है, ... Read more