
लिखने और पढ़ने की तृष्णा में कहीं दूर दराज़ की साहित्यिक यात्रा करते हुए खो… Read more
Followers
लिखने और पढ़ने की तृष्णा में कहीं दूर दराज़ की साहित्यिक यात्रा करते हुए खो सा जाता हूँ….फिर निराला के ‘मैं कवि हूँ पाया है प्रकाश’ की तर्ज पर खुद को अपने वैयक्तिक दर्पण में देखता हूं और समष्टि में विगलित हो जाता हूँ।