
अश्क़ों को पलकों पे, सजाए रक्खा है। होठों से गीतों को, लगाए रक्खा है।। सबके… Read more
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अश्क़ों को पलकों पे, सजाए रक्खा है।
होठों से गीतों को, लगाए रक्खा है।।
सबके दिल की ली जो तलाशी तो पाया
सबने दिल में “राज” छुपाए रक्खा है
श्री राकेश “राज”