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वक्त में ताक़त बहुत ख़ुद ही बदलना सीखले।
छोड़कर आलस्य तू ख़ुद ही सँभलना सीखले।
रेत के मानिंद मुठ्ठी में रुका है वक्त कब-
कर्म कर ... Read more
"अनुभव बोलता है"
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नौकरी के लिए विदेश जा रहे रौनक की तैयारी में सारा घर लगा हुआ है। माँ का वश चले तो पूरा... Read more
"नया सवेरा"
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उन्मादित भोर की ढ़़लती शाम सी निढ़ाल स्वरा को बिस्तर पर पड़े देखकर गर्व ने उसके सिर को सहलाते हुए कह... Read more
"नया सवेरा"
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उन्मादित भोर की ढ़़लती शाम सी निढ़ाल स्वरा को बिस्तर पर पड़े देखकर गर्व ने उसके सिर को सहलाते हुए कह... Read more
"तुम्हारे बिन"
तुम्हारी याद के साए सताते हैं चले आओ
हमें जीने नहीं देते रुलाते हैं चले आओ।
तुम्हारे गेसुओं में पा पनाह हर शाम... Read more
"तुम्हारे बिन"
तुम्हारी याद के साए सताते हैं चले आओ
हमें जीने नहीं देते रुलाते हैं चले आओ।
तुम्हारे गेसुओं में पा पनाह हर शाम... Read more
मुक्तक
गुलामी गैर की करना मुहब्बत हो नहीं सकती।
ख़ुशामद यार की करना ख़िलाफ़त हो नहीं सकती।
भरम में डाल दूजे को सज़ा ख़ुद को ही ... Read more
ग़ज़ल
बहर २१२२ १२१२ २२
काफ़िया- आ
रदीफ़- देना
ख्वाब आए नहीं जगा देना।
बुझ गया तो दिया जला देना।
रात आकर मुझे सताती है
नीं... Read more
ग़ज़ल
बहर २१२२ १२१२ २२
काफ़िया- आ
रदीफ़- देना
ख्वाब आए नहीं जगा देना।
बुझ गया तो दिया जला देना।
रात आकर मुझे सताती है
नीं... Read more
विषय-बदरा
विधा-गीत
बिजली कौंधे #बदरा छाए
बारिश की रुत अगन लगाए
बैरी नैना झमझम बरसे
मेरा भीगा बदन जलाए।
#बैरी बदरा गरजे-बरस... Read more
रक्षा बंधन (गीत)
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तुम्हें नेह रोली तिलक लगाऊँ
बढ़े प्रीत अपनी भैया ये चाहूँ
तुम्हें बाँध राखी खुशियाँ मनाऊँ
रक्षा कवच... Read more
“कहाँ इंकार करता हूँ”
बहर- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२
रदीफ़ करता हूँ
काफ़िया- आर
सुनाके हाल दिल का आपसे इकरार करती हूँ।
मुहब्बत है अजी... Read more
मुक्त काव्य समारोह - 240
दिन - गुरुवार
दिनांक -२८/१२/२०१७
अध्यक्ष - आदरणीय श्री शिवानंद सहयोगी जी
संचालक- आदरणीय श्री धीरज श्... Read more
"कौन मनाएगा दीवाली?"
घर -आँगन लक्ष्मी बिन सूना,
नहीं तेल, दीया, बाती।
रौशन दुनिया लड़ियों से है,
जगमग ज्योति नहीं भाती।
मा... Read more
ग़ज़ल “अनबुझी प्यास”
बह्र 1222×4
काफ़िया-आ
रदीफ़- जाओ
छलकते जाम बन कर आप नयनों से पिला जाओ।
महकते ख़्वाब बन कर आप नींदों में ... Read more
'दानी सुमन'
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फूल खिलके यहाँ मुस्कुराने लगे।
गीत मधुमास के गुनगुनाने लगे।।
प्रीत चूनर पहन चाँदनी तन सजी।
ओस मुक्... Read more
मापनी-2122 2122 2122 212
काफ़िया-"अरने"
रदीफ़-"आ गया"
रंग खुशियों के तेरे दामन में भरने आ गया।
नफ़रतों को पर्व होली दूर करने आ... Read more
परदेसी मीत मेरे
मेरी प्रीत बुलाती है,
बन जाओ गीत मेरे
तेरी याद सताती है।
बारिश के मौसम में
बूँदों की सरगम में
चूड़ी की खनख... Read more
बेरुखी”
रदीफ़–बैठे हैं
काफ़िया-आके
दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं ।
मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं।
नज़र में शोकि... Read more
"प्रीत के रंग"
प्रीत नैनों में बसा चाहत लुटाके देखना
बन हिना सूनी हथेली को रचाके देखना।
जानते हो पीर हरके कुछ सुकूँ मिल जाएगा... Read more
तांका (वार्णिक छंद)
विधान-5,7,5,7,7=31वर्ण
विषय-"राधा कृष्ण"
(1)श्याम रंग में
साँवरी हुई राधा
होके मगन
सुनाओ वंशी धुन
व्याक... Read more
हास्य-व्यंग्य दोहे
हास्य व्यंग्य दोहे रचे, कर लेना स्वीकार।
हँसे बिना जो पढ़ लिए, लिखना है बेकार।।
ऐसी वाणी बोलिए, अपनापन जग ... Read more
*यादें*
आज फटे गत्ते की
उस डायरी में
पीछे छूटी यादों का
एक पुलंदा मिला ... Read more
जन्मदिवस
तन समर्पित मन समर्पित क्या तुझे उपहार दूँ
जन्मदिन पर आज तेरे क्या तुझे सौगात दूँ?
पुष्प वेणी केश में मधुमास बनकर जा ... Read more
"चाय नशीली बन जाती"(गीत)
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गर्म चाय की प्याली थामे
मन की बातें कह आती।
प्यास बुझाती प्रिय की अपने
चाय नशीली... Read more
*बिगडी बना दो हे गोपाल*
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बनकर माँझी पार उतारो
बिगड़ी बना दो हे गोपाल!
अँधियारा मन विचलित करता... Read more
122 122 122 122
*जवाँ हसरतें
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झुकी है नज़र कुछ सँभलने तो दो।
ज़रा देर हमको ठहरने तो दो।
अभी प्यार से मन... Read more
*भ्रूण की पुकार*
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प्रभु कृपा से गर्भ में आई
मुझे बचा लो मेरी माँ,
बोझ नहीं हूँ इस दुनिया पर
गले लगा लो ... Read more
"बुझता दिन बहुत रुलाता है"
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देख विरह की तपती संध्या
बुझता दिन बहुत रुलाता है,
दिवस ढले अँधियारा आकर
प्... Read more
*मैं नारी हूँ ,मैं नारी हूँ!!*
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मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूँ
जीवन में कभी न हारी हूँ
मैं अद्भुत इक चिंगारी... Read more
विरह गीत
"बहुत रोते सनम तुम बिन"
बसे किस देश में जाकर
यहाँ हमको भुला करके,
बहुत रोते सनम तुम बिन
रात सपने सजा करके।
(1)छु... Read more
"नन्हीं परी"
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ख्वाबों की नगरी से चलकर
घर परी अनोखी आई है,
अरमानों की डोली चढ़कर
मन द्वारे खुशियाँ लाई है।
अलसाई किर... Read more
काफ़िया-आस
रदीफ़-बाक़ी है
बह्र-1222 1222 1222 1222
*मिलन की प्यास बाकी है*
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तरसता प्यार को ... Read more
काफ़िया- अर
रदीफ़- जाऊँ मैं
बह्र-122 122 122 12/22
*वफ़ा की महक*
उतर प्रीत दरिया उबर जाऊँ मैं।
वफ़ा की महक से सँवर जाऊँ मै... Read more
ग़ज़ल
काफ़िया-आम
रदीफ़ -कर बैठा
तर्ज़-ग़रीब जान के हमको न.....
*मुहब्बत के नाम*
जो करना था मुझे वो आज काम कर बैठा।
मैं ख़... Read more
"आशाओं के दीप"
आशाओं के दीप जलाकर
सुंदर स्वप्न जगाए रखना,
नया जोश उल्लास भरे तुम
सुरभित सुमन खिलाए रखना।
मन में उपजी प्रीत ... Read more
"कितना रुलाओगे"
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खड़ी तन्हा किनारे सोचती कैसे भुलाओगे।
करूँ फ़रियाद आ जाओ हमें तुम छल न पाओगे।
अनबुझे प्रश्न ... Read more
"शुष्क धरा की प्यास बुझाएँ"
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वृक्ष, पवन, जल छिनते जाते
जन-जीवन को आज बचाएँ
दूषित नदियाँ सूख रही हैं
शुष्... Read more
"पर्यावरण बचाओ"
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मानव दानव बने धरा पर #वृक्ष समूचे काट रहे हैं
बेघर पंछी घर को तरसें #जंगल सारे पाट रहे हैं।
#नी... Read more
मुक्तक
झुका ये शाख-ए-गुल चंदा' गज़ब की प्रीत बरसाए।
ज़मीं पे ख़ुशनुमा मौसम फ़िज़ा में गीत भरमाए।
छिटकती चाँदनी करती बहारों को य... Read more
आशिक़ी
रोग उल्फ़त का लगा हमको जगाया रातभर।
जाम चितवन का चख़ा हमको सताया रातभर।
प्रीत की तहरीर नज़रों से बयाँ की आपने
वार सीन... Read more
“पिता”
आँगन की फुलवारी हरदम
लहू दे सींचते हैं जो,
दु:ख हरते पोषण करते
सबल सशक्त पिता हैं वो।
प्रसव समय दे मातु सहारा
परिवार ... Read more
काफ़िया-आना
रदीफ़-हो गया
वज़्न-2122 2122 2122 212
*हमसफ़र*
हमसफ़र का साथ जीने का ठिकाना हो गया।
बाँट लीं तन्हाइयाँ ये दिल दिव... Read more
*बूंदों की खनखन*
बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है
धड़कन में साँसों की सरगम गीत प्रेम के गाती है।
घटा घिरी घनघोर गगन ... Read more
"अविरल नीर बरसता है"
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समझ न पाऊँ प्रेम विधा मैं, उर में नेह उपजता है।
रोम-रोम मदमाता मेरा, अविरल नीर छलकता ... Read more
"दीप जला रख छोड़ा है"
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काली रात विरह की आई, दीप जला रख छोड़ा है।
सजल नयन सूरत को तरसें, तम से नाता जोड़ा है... Read more
"दोस्ती"
दोस्ती दिलों में महकता
अनमोल एक रिश्ता है
मेरी दोस्त मन में बसा
प्यारा सा फरिश्ता है।
सुख में लुटाती प्यार जो
नि... Read more
काफ़िया-आन
रदीफ़-ए जाने ज़िगर
2122 2122 2122 212
मान से ज़्यादा मिला सम्मान ए जाने ज़िगर।
हो गए पूरे सभी अरमान ए जाने ज़िगर।
... Read more
'रंग छटा गोकुल में बिखरी'
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साँवरि सूरत मोहनि मूरत नंद लला उर चैन चुरावत।
आज जिया अकुलाय रहा अति मोर शिरोमण... Read more
बाल सखा चित चोर लियो तुम ढोल, मृदंग रहे मदमाए
चंदन भाल लगा इठलावत श्वेत वसन तन खूब सुहाए।
मोहनि मूरत सांवरि सूरत चंद्र सलौना रूप ल... Read more