Copy link to share
ज्ञान न मिलता अब यहाँ,झूठा सब परचार।
मंदिर,मस्जिद, पाठशा,सभी करें व्यापार।।
हाथ जोड़ ज्ञानी खड़ा,अनपढ़ भया वजीर ।
ज्यों दुशासन ... Read more
कोई ना संभालता,रिश्तों की सौगात ।
रिश्ते पूँजी थे कभी,है ये कल की बात ।।
रिश्ते नर को थामते,ज्यों पतंग को डोर ।
डोरी कटी जो पतं... Read more