kavi w singh Joined January 2017 Posts 2 Views 9 Share Facebook Twitter Copy link to share All Postsकविता (2) हालात kavi w singh कविता Feb 3, 2017 मैं आशुफ्ता हो गया हूँ जाने ये कैसे हो गया। नाग सा अब मैं तड़पता, मणि है मेरा खो गया। किस इल्लत की ऐ खुदा, तुम ने दी मुझको ये स... Read more यादें kavi w singh कविता Jan 25, 2017 तेरे आँचल का परिमल आता, अब नींद नहीं मैं ले पाता। कुछ याद तेरे संग पल बीता कुछ चाहत को रख अब जीता। पर बदन हुआ अब गम का घ... Read more