Kapil Kumar Joined July 2016 154 Posts · 2219 Views Follow Followers Loading followers From Belgium Read more From Belgium Share Share Facebook Twitter WhatsApp Copy link to share Posts (154) All गज़ल/गीतिका (26)मुक्तक (95)शेर (32)लघु कथा (1) Sort by: Date Views चलती नही है ज्यादा देर तक भी मक्कारी Kapil Kumar Jan 19, 2017 · मुक्तक 10 शहर भी।तुम्हारा है संग भी तुम्हारे हैं Kapil Kumar Jan 17, 2017 · मुक्तक 23 क्या हुआ।जो नादानी में हमसे मुँह मोड़ बैठे Kapil Kumar Jan 17, 2017 · मुक्तक 7 अजनबी हर बशर लगता है Kapil Kumar Jan 17, 2017 · मुक्तक 19 शहर भी तुम्हारा संग भी तुम्हारे हैं Kapil Kumar Jan 15, 2017 · मुक्तक 10 तो फिर वो खुदा नही होता Kapil Kumar Jan 14, 2017 · गज़ल/गीतिका 34 कलाकार हम जो कलाकार तुम भी Kapil Kumar Jan 14, 2017 · गज़ल/गीतिका 14 है सोच बुलँद अपनी Kapil Kumar Jan 14, 2017 · शेर 18 वजह Kapil Kumar Jan 14, 2017 · मुक्तक 12 जिंदगी रहे छोटी बेशक कोई खास न हो Kapil Kumar Jan 14, 2017 · शेर 1 · 1 · 16 तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने Kapil Kumar Jan 8, 2017 · मुक्तक 17 तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने Kapil Kumar Jan 8, 2017 · मुक्तक 9 जिंदगी रहे छोटी बेशक कोई खास न हो Kapil Kumar Jan 8, 2017 · शेर 42 कैसे हैं दिन कैसी अजीब राते हैं Kapil Kumar Jan 5, 2017 · मुक्तक 7 मै हूँ न वजूद अपना मिटाने के लिये Kapil Kumar Jan 3, 2017 · मुक्तक 17 दिल अपना भी Kapil Kumar Dec 31, 2016 · मुक्तक 10 आग गर आग है पानी फिर पानी है Kapil Kumar Dec 30, 2016 · शेर 16 गऱ वो कुछ पल रुके होते Kapil Kumar Dec 28, 2016 · गज़ल/गीतिका 9 फिर न रहेगा , गुरुर कोई तेरा बाकी Kapil Kumar Dec 27, 2016 · शेर 12 बात मेरी भी आजमा कर् देखिये Kapil Kumar Dec 27, 2016 · गज़ल/गीतिका 5 नोट बंदी आर्थिक डकैती है Kapil Kumar Dec 23, 2016 · मुक्तक 25 रखते हैं हम असर कोई बेअसर नही Kapil Kumar Dec 23, 2016 · गज़ल/गीतिका 22 तेरा मेरा नजरिया न मिले Kapil Kumar Dec 21, 2016 · शेर 7 बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा Kapil Kumar Dec 21, 2016 · मुक्तक 8 पुरनूर चेहरा Kapil Kumar Dec 21, 2016 · शेर 4 जब ख़ुशी के पल हैं बहुत ही कम Kapil Kumar Dec 21, 2016 · मुक्तक 16 हाथ संसद न चलने देने का कुछ तो इनाम आ गया Kapil Kumar Dec 17, 2016 · मुक्तक 4 भारत इक सियासती मंच है बाबू Kapil Kumar Dec 17, 2016 · शेर 3 टुकड़े तेरे आइने के Kapil Kumar Dec 17, 2016 · शेर 3 इंसा तो इंसा है ख़ुदा कब है Kapil Kumar Dec 16, 2016 · गज़ल/गीतिका 6 सजदे में हुस्न के Kapil Kumar Dec 16, 2016 · शेर 7 डरते नही जो डूबने से जो वही पार जाते हैं Kapil Kumar Dec 14, 2016 · मुक्तक 6 इंसा तो इसां है खुदा कब है Kapil Kumar Dec 14, 2016 · गज़ल/गीतिका 8 कुछ तो छिपा 2000 के नोट में है Kapil Kumar Dec 12, 2016 · मुक्तक 4 कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा Kapil Kumar Dec 10, 2016 · गज़ल/गीतिका 3 उजड़े ख्वाबो का कोई मंजर लगता है Kapil Kumar Dec 9, 2016 · मुक्तक 8 और इससे ज्यादा गम क्या मिलेगा Kapil Kumar Dec 9, 2016 · मुक्तक 6 गुल Kapil Kumar Dec 7, 2016 · गज़ल/गीतिका 2 जवानी में चर्चे हमारे कम न थे Kapil Kumar Dec 5, 2016 · मुक्तक 21 रोज तोबा करके भी गुनाह करता हूँ Kapil Kumar Dec 4, 2016 · मुक्तक 18 गया वो ऐसे मुड़के दुबारा न मिला Kapil Kumar Dec 3, 2016 · गज़ल/गीतिका 7 दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है Kapil Kumar Dec 2, 2016 · गज़ल/गीतिका 46 वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता Kapil Kumar Dec 1, 2016 · मुक्तक 48 ढूंढ न मेरी ख्वाइशों में आइंदा अपना Kapil Kumar Nov 30, 2016 · शेर 10 दिल की जानिब Kapil Kumar Nov 28, 2016 · शेर 5 बस आम आदमी लाइन में दिखाई देता है Kapil Kumar Nov 26, 2016 · मुक्तक 9 क्रांति जहां होती है Kapil Kumar Nov 25, 2016 · शेर 8 तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा Kapil Kumar Nov 25, 2016 · गज़ल/गीतिका 17 वो ही देश पे शहीद हुआ Kapil Kumar Nov 24, 2016 · मुक्तक 13 रुकी रुकी हैं हसरते Kapil Kumar Nov 22, 2016 · मुक्तक 6 Older posts