
मन के भावों को उन्हीं की तासीर के शब्दों के साथ कागज पर उतारना मुझे… Read more
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मन के भावों को उन्हीं की तासीर के शब्दों के साथ कागज पर उतारना मुझे अच्छा लगता है….। मैं अपने लेखन के माध्यम से संबंधों के मानवीयकरण और प्रकृति पर लिखना पसंद करती हूं…। मुझे लगता है हमारे संबंध तभी गहरे हो सकते हैं जब वे मानवीय होते हैं, उनकी प्रकृति को समझने की आवश्यकता है…। मेरा लेखन मन के अहसासों की एक शब्दगाथा है…।