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स्वांत सुखाय लिख्ता हूँ |दिल के आकाश में जब भाव, भावना, विचारों के बादल गरजने… Read more
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स्वांत सुखाय लिख्ता हूँ |दिल के आकाश में जब भाव, भावना, विचारों के बादल गरजने लगते हैं तो कागज पर तुकांत, अतुकांत कविता ,दोहे , ग़ज़ल , मुक्तक , हाइकू, तांका, लघु कथा, कहानी और कभी कभी उपन्यास के रूप में उतर जाते हैं | कवितायेँ कहानियाँ समाचार पत्रिका में प्रकाशित होती रहती है | दो कविता संग्रह प्रकाशित हो चुकी है | एक उपन्यास ‘कल्याणी माँ’ भी प्रकाशित हो चुका है | ये किताबे फ्लिप्कार्ट और अमेजोन