Copy link to share
बना ले तू मधुर संबंध ,
छोड़ मोह माया बंधन ।
जगा ले सोई चेतना ,
कर ले अब ईश वंदन ।।
सुख नाता तोड़ गया,
प्रेम का पड़ा अकाल ।
म... Read more
(१)
म्लेच्छ नरेश कालयवन, आया मथुरा द्वार ।
लेकर ईच्छा युद्ध की, लाया सेन अपार ।।
(२)
श्री कृष्ण रणछोड़ ह... Read more
अनगिनत तुम्हारे उपकार ।
करूँ तुम्हे नमन बारम्बार ।।
बचपन पास तुम्हारे बीता ।
हर सुख तुमसे ही मिलता ।।
दिल की बात तुम्हे सुना... Read more
हमारे सब तीज त्यौहार ।
लाते खुशियों का उपहार ।।
सब मिलजुल कर मनाते ।
प्रेम स्नेह भी खूब बहाते ।।
बच्चे बूढ़े सब देखते ।
हर प... Read more
(१)
जब मिलते हैं यार ।
आ जाती हैं बहार ।।
होती हैं फिर कुछ बातें ।
याद रहती हैं मुलाकातें ।।
साथ जो भी पल बीते ।
कर याद ... Read more
हम सब यार मिले ।
जंगल की सैर चले ।।
गलियों से यूँ गुजरकर ।
चल दिए पगडंडी पर ।।
नभ में थे बादल छाये ।
राह में भी कीचड़ पाये ।... Read more
राजा उत्तानपाद का, हैं सुत ध्रुव महान ।
सौतेली माँ सुरुचि ने, बहुत किया अपमान ।।
माता का आशीष ले, ध्रुव चला वन राह... Read more
देखो जमीन बिक गई, गिरवी रखे मकान ।
फसल देख किसान हुए, कितने आज परेशान ।।
कितने आज परेशान, अपना भाग्य कोस रहे ।
मौसम जाता रूठ, कैस... Read more
आई हैं पूर्णिमा शरद ।
लेकर आनन्द सुखद।।
फैल रहा हैं प्रकाश ।
धवल हुआ आकाश ।।
ठंडी ठंडी बयार बहे ।
छूकर मन को कहे ।।
... Read more
अपने काम मे मगन रहने पर भी, कभी - कभी मेरा मन मेरा साथ छोड़कर कहीं दूर चला जाता हैं । आज भी बैठे - बैठे त्रेता युग और द्वापर युग में ... Read more
राम काज करने चला, किष्किंधा युवराज ।
सीता जी की खोज पर, राम ने किया नाज ।।1।।
नल नील ने बांध लिया, खेल खेल में सेतु ।
वानर... Read more
प्रार्थना मेरी सुनकर, मुझे मिला वरदान ।
घर में आई चेतना, हो रहे मधुर गान ।।
उन्नति की राहें खुली, सुंदर लगा जहान ।
जीवन ... Read more
सबकी होती कामना, सुखी रहे संतान ।
खूब नाम रोशन करें, जग में हो पहचान ।।
जग में हो पहचान, सुत आज्ञाकारी बनें ।
छोड़े न कभी साथ, पूर... Read more
माँ से प्यारी होती नानी,
सुनाती हैं किस्से कहानी,
कितना सुकून मिलता,
जब उनके पास आता,
भूल जाता अपने सारे काम,
लगता जैसे आया तीर... Read more
सुनो हमारे मन का आह्वान,
अर्ज करते हम किसान,
देखो गलने लगी फसल,
ठहर जाओ ऐ प्यारे बादल,
धरती जलमग्न ताके अम्बर,
पानी से भींग रहे... Read more
हलधर करते मेहनत, बहे पसीना रोज ।
नित साहूकार ठगते, खूब मनाए मौज ।।
खूब मनाए मौज, दाम सही न कभी मिले।
खुशियाँ मनती खूब, जब हो भरप... Read more
मोर मुकुट ले बाँसुरी, खेलन चले गोपाल ।
निरखि छवि भगवान की, चकित भये सब ग्वाल ।।
चकित भये सब ग्वाल, संग संग गौ हांकते ।
सुनने मुरल... Read more
उनके घर आया मेहमान ।
रखने हम सबका वो मान ।।
घर में गूँजी किलकारियां।
वंश बढ़ा ,हैं कलवारिया।।
माँगी दुआ आया लाल ।
गुलाब जैसे... Read more
बूँद -बूँद से ही घड़ा भरता,
चलते चलते कछुआ जीतता,
व्यर्थ नहीं होता कभी परिश्रम,
मेहनत का फल मीठा होता,
छोटा नही कोई काज,
स्वयं... Read more
मन में जो हैं बसते,
हर पल साथ रहते,
सुख दुःख के साथी,
जीवन राह के पंथी,
वो खुशियों की बहार,
जग सूना हैं बिन यार,
सब खुश ... Read more
नन्हा नन्हा बीज धरा से निकला,
खोल आँखे ,वो देखने जग चला,
चारो ओर थी बड़ी चहल पहल,
सुबह सुबह सब जन रहे टहल,
जैसे - जैसे दिन चढ़ा ... Read more
सावन भी पुकार रहा, देख धरा के हाल।
ताकते जन जन अम्बर, सूख गए सब ताल ।।
हे ! मेघ बरस जाइए, सुन हमारी पुकार ।
मच रहीं हैं उथल पु... Read more
कैसी आई हैं सदी,
देखो प्यासी है नदी,
भरा विपुल जल,
फिर भी सूना कल,
कहाँ है सावन झूले,
सब हम जन भूले,
रिश्ते गए सिमट ,
भरी हैं... Read more
आप जगत के हो ईश समान,
मिलती दुआएँ भर आसमान,
दिन हो या रात सेवा को तत्पर,
खुशियाँ भर देते हो घर - घर,
आप भेदभाव कभी न पालते,
सबक... Read more
पथ थे कितने दुर्गम,
चलता गया लेकर गम,
मुश्किल थी मेरी राह,
साथ थी उनकी एक चाह,
पैरों में चुभते थे शूल,
पर चाहत थी मेरी... Read more
ठंडी -ठंडी छाया देते,
मीठे मीठे फल लगते,
पंछियों का बनते बसेरा,
सबको दिखाते नया सवेरा,
फिर क्यू...........
रोज रोज कट रहे,
बंज... Read more
जब पथ पर हो साथी संग,
फिर हो चाहे कैसी ही जंग,
भागेगा ही अरि छोड़ मैदान,
जग कहता सुनो लगा कान,
दुःख भी पूछकर आएगा,
सुख रूठकर ... Read more
बरखा रानी, बरखा रानी,
लेकर आई हो तुम पानी,
झूम रहे देखो जन - जन,
महक उठे सारे उपवन,
धरा की बुझ रही प्यास,
देखो उगने लगी हैं... Read more
धरा कर रही पुकार,
है! मेघ करो उपकार,
बरसाकर तुम नीर,
मिटा दो सबकी पीर,
सब ताक रहे आसमान,
अब सहन नही तापमान,
गरमी से सब बेहाल,
... Read more
नभ में सूरज चमका,
टूटा अभिमान तम का,
चहुँओर लाली छाई,
मौसम हुआ सुखदायी,
छोड़ चले पंछी नीड़,
भू पर बढ़ने लगी भीड़,
बह रही हवा मंद म... Read more
पिता की नजर से----
यह क्षण जो मिले,
कभी न जाय भूले,
हैं कितने अनमोल,
लगा सके न मोल,
अंतर्मन भर जाता,
जब पुत्र संग होता,
लौट... Read more
चलो चले सब मेरे गाँव चले,
तपती धरा पर नंगे पाँव जले,
सड़क किनारे लगे दौड़ने,
पेड़ो की छाया फिर ढूँढने,
सिर पर ढूँढे हम सब पगड़ी,... Read more
गाँव की मिट्टी तुम ले आना,
अपनो को मेरी चिट्ठी दे आना,
तुम साथ हमारे बचपन के पल ले आना,
तुम पेड़ो से मीठे मीठे फल ले आना,
बड़े... Read more
हमने उनकी राह तकी,
फिर भी वो आ न सकी,
हमने चाहत छुपा रखी,
बनाकर उन्हें अपनी सखी,
वो खुद न आये द्वार,
हम लेकर बैठे हार,
क... Read more
जाग उठ अब है! नारी,
तू कहाँ किसी से हारी,
तुझमे क्षमता है प्रबल ,
अबला नही ,है सबल,
तू धरा का है रूप,
दुर्गा का है स्वरूप,
क... Read more
देख दशा आँसू आते,
कैसे भेड़िये खुले घूमते,
गली गली में ये विचरते,
कली कली को निहारते,
खिलने से पहले ही रौंदते,
क्यों नही कुछ... Read more
अच्छा होगा सुप्रभात,
जब सुने दिल की बात,
मन होता सच्चा साथी,
पर होता मतवाला हाथी,
सुख दुःख आना जाना,
इनसे न कभी घबराना,
... Read more
दिल में मेरे गाँव बसता,
जुबां पर यही नाम रहता,
बड़े बूड़ो का सम्मान पाते,
सबसे सदा राम राम करता,
सूरज को भगवान मानते,
चंदा यहाँ... Read more
हाँ! वह वीर कौरव था,
उसका अजब गौरव था,
था धृतराष्ट्र का वह सुत,
रक्त से वह पौरव था ।।1।।
थी सभा वीरो से भरी,
चुप थे सब पौरुषध... Read more
जग को देख जग रोता है,
दुःख देख आँसू बहाता है ।
कोई रोटी के लिए तरसता है,
कोई अभावों में भी जीता है ।
हर बाग का फूल कहाँ महकत... Read more
अवन्ति की धरती पावन,
होता हर दिन यहाँ सावन ।
इस माटी को मेरा नमन,
जहाँ आए श्री भगवन ।
देखो ऋषि सांदीपनि का आश्रम ,
यही पढ़े ... Read more
65 वर्ष का रामदीन, गर्मी के मौसम में थककर छाया देखकर खेत किनारे पेड़ के नीचे लेट जाता है । सोते सोते अपने बचपन मे चला जाता है, जब उस... Read more
खाली मन को भरने आती,
रोज रोज दिल को बहलाती ।
सुख दुःख की मेरी संगिनी,
इस जग को जग से मिलवाती।
जीवन पथ पर साथ निभाती,
हर पल वो... Read more
हे ! जग के ईश,
पुकारता जगदीश ।
दे दो एक आशीष,
चरणों मे नमन शीश ।
हे! गौरी पुत्र करता प्रणाम,
निर्विघ्न पूर्ण हो यह काम ।
... Read more
पेड़ न तुम काटो,
यही संदेश बांटो ।
पेड़ हमारे.....
धरती के है रक्षक,
प्रदूषण के भक्षक ।
धूप में सबको छाया देते ,
तुम मजे से मी... Read more
शुभ दिवस यह आया हैं ,
संग खुशियां हजार लाया हैं ।
चलो चले माँ के दरबार में,
लगाने भक्ति का अम्बार ।
जब करते मन से देवी दर्शन... Read more
उठ जाओ तुम हुई भौर ,
स्वर्णिम हुआ नभ छोर,
ताजी हवा तुम्हे ढूँढ़ रही,
मैं कब से बैठा हूँ वही,
बागो में सुंदर फूल खिले,
यहाँ ... Read more
///१///
सरयू तीर
है अयोध्या पावन
सुखों का धाम
तीन रानियाँ
है दशरथ राजा
न कोई सुत
चिंता बड़ी है
ऋषियों की सलाह
हुआ है यज्... Read more
अच्छी कविता
संदेश सुनाती है
देती है ज्ञान
मन हर्षित हो
तन लगे नाचने
यही कविता
सुन वनिता
मेरी एक कविता
भावों की माला
... Read more
बचपन कितना सुंदर होता,
शब्दो से कहा नही जाता ।
कितना आनन्द हमें देता,
सोच सोच मन हर्षित होता ।।
काश दिवस वो फिर आ जाये,
बन... Read more