Bharti Jain Joined January 2017 Posts 2 Views 1.3k Share Facebook Twitter Google Plus Copy link to share All Postsकविता (1)गज़ल/गीतिका (1) मुक्तक Bharti Jain कविता Jan 19, 2017 एक मुक्तक ?????????????? इस कहानी में कोई मोड़ तो आया होता। दर्द अपना कभी अश्कों में छिपाया होता। मैं बसा लेती तुझे दिल की हर इ... Read more बेटियाँ Bharti Jain गज़ल/गीतिका Jan 19, 2017 क्यों मारते हो कोख में नादान बेटियाँ इंसान को है रब का ये वरदान बेटियाँ। बनता न घर समाज यदि होती न बेटियाँ होती हैं ख़ानदान की ... Read more