Ashok sapra Joined January 2017 28 Posts · 5732 Views Follow Followers Loading followers Share Share Facebook Twitter WhatsApp Copy link to share Posts (28) All कविता (13)गज़ल/गीतिका (13)गीत (2) Sort by: Date Views मिलता नहीं मेरी इन रचनाओं का कोई खरीददार Ashok sapra Feb 11, 2018 · गज़ल/गीतिका 5 जुनून मुझमें देशभक्ति का Ashok sapra Feb 6, 2018 · कविता 7 हमारा देश और हम ही काफ़िर कहलाये Ashok sapra Feb 6, 2018 · कविता 2 चलो आज थोड़ी तुम भी पियो Ashok sapra Feb 6, 2018 · गज़ल/गीतिका 14 चांद छत से आकर रख गया ख़त Ashok sapra Feb 6, 2018 · गज़ल/गीतिका 7 नई मुर्गी हलाल है Ashok sapra Feb 1, 2018 · गज़ल/गीतिका 6 माँ बहुत याद आओगी तुम Ashok sapra Jan 31, 2018 · गज़ल/गीतिका 20 मम्मी डैडी के चरणों में चारों धाम Ashok sapra Jan 31, 2018 · कविता 2 आओ हिन्द वासियों तुमकों चूड़ियां उपहार दे दूँ Ashok sapra Jan 31, 2018 · कविता 10 कहतें है हम थानेदार Ashok sapra Jan 29, 2018 · कविता 21 लगा दो आग गीता और कुरआन में Ashok sapra Jan 28, 2018 · गज़ल/गीतिका 7 बाप है तेरा ये देश मेरा हिंदुस्तान Ashok sapra Jan 28, 2018 · कविता 4 आओ मिलकर अपनी संस्कृति बचाये Ashok sapra Jan 28, 2018 · कविता 5 हॉर्न धीरे से बजा रे पगले देश मेरा सोता है Ashok sapra Jan 28, 2018 · कविता 222 मेरी गीत गजलों में मेरी शकन देखिये Ashok sapra Jan 28, 2018 · कविता 3 व्यंगात्मक कविता आइये कद्रदान Ashok sapra Feb 13, 2017 · कविता 279 गजल वो शहर में आकर के Ashok sapra Feb 13, 2017 · गज़ल/गीतिका 70 कत्ल का सामान बनकर Ashok sapra Feb 13, 2017 · गज़ल/गीतिका 16 गजल राहें इश्क में आये है Ashok sapra Feb 13, 2017 · गज़ल/गीतिका 158 गजल सरहदें क्यों पहचानता नहीं तू Ashok sapra Jan 20, 2017 · गज़ल/गीतिका 24 गजल जिंदगी ख़ाक में मेरी Ashok sapra Jan 20, 2017 · गज़ल/गीतिका 102 गजल आया हूँ शहर में लेके कुछ किस्से नये पुराने Ashok sapra Jan 20, 2017 · गज़ल/गीतिका 21 एक गीत शीर्षक वही तू है Ashok sapra Jan 19, 2017 · गीत 12 एक गीत शीर्षक वही तू है Ashok sapra Jan 19, 2017 · गीत 12 गजल तुमको देखा हमको कितने जमाने हो गए Ashok sapra Jan 19, 2017 · गज़ल/गीतिका 34 कविता शीर्षक मेरी ऊँगली पकड़कर बेटा मुझे चलाने वाला Ashok sapra Jan 19, 2017 · कविता 4.2k कविता शीर्षक बेटी तू तो है गंगाजल Ashok sapra Jan 19, 2017 · कविता 119 कविता शीर्षक बीज डाले बेटो के पर बेटी तू उग आये Ashok sapra Jan 19, 2017 · कविता 1 · 1 · 341