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सहमा उपवन छाया कुहास
अलि मौन शांत बीता सुहास
कलिओं के बीच सहमी तितली
किसलिए पीर क्यों जग उदास..
आगंतुक न कोई आया न गया
किसल... Read more
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"प्यासी है मन की धरा
नेह की बरसात दे दो।।
अंजुमन की रागिनी ने
प्रेम का है गीत गाया
खिल उठी मन की कली
कौन सा मौसम है आया... Read more
आंखों से आंखों की भाषा पढ़ लेता हूँ
तुझको पाने की अभिलाषा कर लेता हूँ
जीवन गठरी धीरे धीरे रीत रही है
असमंजस के जोङ गुणा में बीत ... Read more