
पेशे से शिक्षक और प्रवृत्ति से रचनाकार। बौद्धिक-विमर्श में इतिहास का विद्यार्थी और शोधार्थी। भारतीय… Read more
Followers
पेशे से शिक्षक और प्रवृत्ति से रचनाकार। बौद्धिक-विमर्श में इतिहास का विद्यार्थी और शोधार्थी। भारतीय धर्म और संस्कृति के विभिन्न तत्वों और घटकों के गंभीर अध्येता व तटस्थ समीक्षक।
साहित्य का संस्कार पिता आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा ‘पंकज’ से विरासत में प्राप्त।
हिन्दी-भाषा एवं मातृभाषा की गरिमा की प्रतिष्ठापना हेतु सतत प्रयत्नशील।
सामाजिक समरसता और विश्वमानवाता का प्रबल पक्षधर।
प्रेम-पथ का पथिक। देह को मुक्ति का साधन और साधना का मार्ग मानने वाला दार्शनिक।
अपने युग का प्रतिष्ठित इतिहासकार और चर्चित-लोकप्रिय ग़ज़लकार।
इतिहास और साहित्य-संस्कृति से संबन्धित आठ (8) प्रकाशित पुस्तकों के रचयिता। फिलहाल ग़ज़लों की दुनिया में डूबे हुए शाइर। ग़ज़लों की नयी किताब “धूप का रंग काला है” जल्द ही छपकर आपके सामने आने को तैयार।