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मैं अपना हर दिन तेरे नाम लिख दूँ।
तेरे लिए अपनी दोपहर शाम लिख दूँ।
अब कोई फिक्र न रहे मुझे दुनिया की
मैं तुझे ही अपना हर काम ल... Read more
चलो आज मिलकर इस जग में
एक नई अलख जगाते हैं
थोड़ी कोशिश तुम करना और
थोड़ी हम कर जाते हैं
चलो आज हम अपने मन के
सारे मैल मिटाते ह... Read more
यारा तेरी यारी छुटी अब तुम मेरे पास नहीं
विरह वेदना की मेरी शायद तुझको अहसास नहीं
मालुम कहाँ अब तेरे बिना क्या हश्र मेरा होना ... Read more
काश मैं भी होता एक पंछी
उड़ता फिरता निल गगन में
हवा के संग संग बाते करता
खुश होता मैं अंतर मन में
काश मैं भी होता एक भँ-वरा... Read more
काश हमें भी समझ में आती
थोड़ी अँखियों की भाषा
हम भी उनसे कह पाते अँखियों से
अपने मन की अभिलाषा
मन की मृगतृष्णा में उलझकर
हम ... Read more