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ढूंढ रहा हूं पथ
जो पथ जाए
मंजिल तलक!
राह अनेक हैं
बड़े, छोटे,अनेक
किस पथ जाऊं
सोच में पड़ा
बिन सहारा
देख रहा हूँ,
सामने को... Read more
माँ तू कौन है,
तेरा नाम है क्या?
कहां से आई तू इस धरा पर"
अपने साथ ममता का अथाह सागर लेकर।
नौ महीने गर्भ में रखकर,
जन्म हमे दे... Read more
रातो की वो खामोश सितारें
ना जाने हमशे कुछ कहती है,
शशी की वो स्वेत किरण
ना जाने क्यों हम पर परती है,
शांत रजनी साथ में पादप
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वो सब हो गए पराए
जो हमारे अपने थे
था वो शायद सच्चा
या फिर दिखावा
शायद सोचता हूँ अब
हमारी ही वो भूल थी
डरता दिल इस बात से
आ... Read more