Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2020 · 1 min read

Success Mantra-6

11) There is no limit to the possibilities for a man with imagination. कल्पनाशील आदमी के लिए संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है।

12) You can’t buy the back yesterday.आप बिते हुये समय को वापस नहीं खरीद सकते।

13) Happiness is the result of good conduct.सुख अच्छे आचरण का परिणाम है।

14) An hour without knowledge is like a room without windows.ज्ञान के बिना एक घंटा, खिड़कियों के बिना एक कमरे की तरह है।

Language: Hindi
1 Like · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
ruby kumari
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
Buddha Prakash
लौट कर न आएगा
लौट कर न आएगा
Dr fauzia Naseem shad
बदल जाओ या बदलना सीखो
बदल जाओ या बदलना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
Chalo khud se ye wada karte hai,
Chalo khud se ye wada karte hai,
Sakshi Tripathi
युद्ध के मायने
युद्ध के मायने
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"आकांक्षा" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
एक श्वान की व्यथा
एक श्वान की व्यथा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शुरुवात जरूरी है...!!
शुरुवात जरूरी है...!!
Shyam Pandey
3271.*पूर्णिका*
3271.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
नाथ सोनांचली
मन हमेशा इसी बात से परेशान रहा,
मन हमेशा इसी बात से परेशान रहा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अखंड भारतवर्ष
अखंड भारतवर्ष
Bodhisatva kastooriya
Chubhti hai bate es jamane ki
Chubhti hai bate es jamane ki
Sadhna Ojha
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
'अशांत' शेखर
#काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से?
#काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#आलेख-
#आलेख-
*Author प्रणय प्रभात*
पिता संघर्ष की मूरत
पिता संघर्ष की मूरत
Rajni kapoor
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
सहकारी युग ,हिंदी साप्ताहिक का 15 वाँ वर्ष { 1973 - 74 }*
सहकारी युग ,हिंदी साप्ताहिक का 15 वाँ वर्ष { 1973 - 74 }*
Ravi Prakash
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
*अपवित्रता का दाग (मुक्तक)*
*अपवित्रता का दाग (मुक्तक)*
Rambali Mishra
Loading...