Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2016 · 1 min read

मयखाना

अब मुझे मयखाना भा गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
देख मंजर इस हसीं शाम का,
है छलकता यहाँ पैमाना जाम का।
फिक्र नहीं अब मुझे पीना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
देख साकी तू इतना करना,
इस मय में थोड़ी मौज़ भरना।
देखने मुझको जमाना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
पग लड़खड़ाए तो साकी सँभाल लेना,
जाम कम पड़ जाए तो और डाल देना।
अब नशे में मुझको रहना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
चोट दिल पे पड़ती है तो ये सँभाल लेती है,
क्या खूब है मुश्किलों से निकाल लेती है।
देखलो यारों मुझको जीना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
छलकते जाम जब महफिलें खूब होती हैं,
नशे के बाजार में ‘मजबूर’ यूँ नीलाम होती हैं।
तमाशा देखने कोई दीवाना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
हो गई है यहाँ मदहोश जवानी इस तरह,
आ गई मयखाने में रवानी इस तरह।
यूँ लगा सारा जमाना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
भूलने उस बेवफा की याद को,
है जाम ये आज अपने साथ तो।
रुख हवाओं का बदलना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
हाथ में जब जाम तो डर किस बात का,
अब गँवारा नहीं मुझे किसी के साथ का।
साथ देने मेरा ये मयखाना आ गया है,
यूँ ये ‘हंस’ मधुशाला आ गया है।
सोनू हंस

Language: Hindi
548 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2954.*पूर्णिका*
2954.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
■ कोई तो बताओ यार...?
■ कोई तो बताओ यार...?
*Author प्रणय प्रभात*
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
आँख मिचौली जिंदगी,
आँख मिचौली जिंदगी,
sushil sarna
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
Vandna Thakur
छद्म शत्रु
छद्म शत्रु
Arti Bhadauria
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है  【गीत】*
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
पेट भरता नहीं
पेट भरता नहीं
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हारे जाने के बाद...
तुम्हारे जाने के बाद...
Prem Farrukhabadi
💐प्रेम कौतुक-527💐
💐प्रेम कौतुक-527💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रह रहे मन में हमारे
रह रहे मन में हमारे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
सुनी चेतना की नहीं,
सुनी चेतना की नहीं,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
पैसा और ज़रूरत
पैसा और ज़रूरत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नारी
नारी
Prakash Chandra
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
*होलिका दहन*
*होलिका दहन*
Rambali Mishra
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
Neelam Sharma
कलम के सहारे आसमान पर चढ़ना आसान नहीं है,
कलम के सहारे आसमान पर चढ़ना आसान नहीं है,
Dr Nisha nandini Bhartiya
Loading...