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19 Feb 2017 · 1 min read

II मां II

मां को समर्पित—-

डांटती है कभी मनाती है l
तल्ख बातों में प्यार शामिल हैll

आज सबकुछ मेरा दिया तुझको l
कौन कहता करार शामिल है ll

मां ने तुमको बड़ा किया फिर भी l
छोटे रहने में प्यार शामिल है ll

कर्ज तू कैसे चुकाएगा उसका l
अपनेपन का उधार शामिल है ll

घर की चीजे अभी सभी की हो l
उनमें आज तेरा प्यार शामिल है ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

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