Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

II बिना बहर के कुछ शेर II

पलकें झुकाकर हम पर ना अहसान कीजिए l
ये अजनबी मुसाफिर पहचान कीजिए ll

दो लम्हा जिंदगी यह हंस कर गुजर जाए l
हो ऐसा फन कोई तो शुरुआत कीजिए ll

वक्त की है बंदिशे पाबंद आदमी है l
इन बंदिशों की कम कोई दीवार कीजिए ll

ऐसा भी क्या यहां जो मिल ही ना सके l
खुशबू है गवाह फूल का एहसास कीजिए ll

यह दर्द ए जिंदगी दो पल से अधिक क्या l
खुशी से अगर इसको गुजार दीजिए ll

चांद पर जाने को बेताब आदमी है l
धरती पे क्या नहीं उससे बात कीजिए ll

यह दूर के रिश्ते बस दूर से ही अच्छे l
पास आकर इनको न बर्बाद कीजिए ll

सारी दुनिया है मुसाफिर दो पल के वास्ते l
पहचान ठीक है दिल की न बात कीजिए ll

याद आएंगे बहुत ए मरने के बाद भी l
हो दिल से दुश्मनी तो इन्हें प्यार कीजिए ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

Language: Hindi
Tag: शेर
310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी ख़ुशबू
तेरी ख़ुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तपोवन है जीवन
तपोवन है जीवन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जब सावन का मौसम आता
जब सावन का मौसम आता
लक्ष्मी सिंह
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
Yogendra Chaturwedi
असफलता
असफलता
Neeraj Agarwal
मुस्कराते हुए गुजरी वो शामे।
मुस्कराते हुए गुजरी वो शामे।
कुमार
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यूं जो उसको तकते हो।
यूं जो उसको तकते हो।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपना ख्याल रखियें
अपना ख्याल रखियें
Dr Shweta sood
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ला-फ़ानी
ला-फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
राम लला की हो गई,
राम लला की हो गई,
sushil sarna
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
Jatashankar Prajapati
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
*Author प्रणय प्रभात*
दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
Surinder blackpen
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
Sanjay ' शून्य'
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
"लाभ का लोभ"
पंकज कुमार कर्ण
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
*अध्याय 6*
*अध्याय 6*
Ravi Prakash
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
गैस कांड की बरसी
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
Vaishaligoel
3105.*पूर्णिका*
3105.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यह कौन सा विधान हैं?
यह कौन सा विधान हैं?
Vishnu Prasad 'panchotiya'
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
आंखों में शर्म की
आंखों में शर्म की
Dr fauzia Naseem shad
Loading...