बाल कविता
तितली उड़ी उड़ के चली, तितली ढूंढे फूलों की गली
फूलों की गली जब उसे ना मिली, तितली ने देखी एक नई कली
{1} तितली उड़ कर कली से मिली... Read more
पुस्तक समीक्षाकृष्णलता यादवविनोद सिल्ला द्वारा संपादित समीक्ष्य कृति ‘प्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुणʼ’ में देवगुण की साहित्य को... Read more
टिक टिक टिक टिक चले घड़ी
इसमें लगी है तीन छड़ी
दादी हमें बताती हैं
समय की कीमत बहुत बड़... Read more
बिल्ली आई घर के अंदर
चूहे भागे पूंछ दबाकर
कई दिनों से वह भूखी थी
चूहों के ऊपर लपकी थी
चूहों की हिम्मत हुई धड़ाम
मच गया कुनब... Read more
रंग बिरंगे खेल खिलौने,
सबके मन को भाते हैं
देखे खिलौने रंग-बिरंगे,
सब बच्चे इतर... Read more
* सुबह हुई अभी बिस्तर छोड़ो,
नींद से करो ना कोई प्यार *
* नींद के चक्कर में जो पड़ गए,
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* छुक - छुक करती आई रेल,
बच्चों छोड़ो अपना खेल *
* कितने सारे जुड़े हैं डिब्बे,
सब ड... Read more
* हरे भरे जंगल से देखो,
एक निकल कर हाथी आया *
* मोटा ताजा काला काला,
अपनी सूंं... Read more
एक चूहा था बड़ा ही नटखट,
नाम था उसका नटखट लाल
श्याम - सुबह करता शैतानी,
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कट्टो-कटोरी
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अक्सर कहा जाता है कि शैतानी केवल लड़के ही किया करते हैं . लेकिन सच कहूं तो लड़कियां भी कम शैतान नहीं ह... Read more
जिंदगी की ये सफर ,
कट रहे थे यू डगर।
रेलम पेल थी उस रेल में,
बढ़ते जा रहे थे सफर।
अनजान से उस राह में,
सिर लटकाए बैठा था।
सिख... Read more
(१)
सरल स्वभाव के लोग,
दिखते भोले भाले हैं।
पीपल की छांव जी,
सुंदर मेरा गांव जी।
(२)
फसल लगाते किसान,
लहलहाती ह... Read more
{1} तारे
{2} मेरा छाता
{3} गोलू का संदेश
{4} बंदर दादा
{5} तितली रानी
{6} माँ
{7} हाथी राजा
{8} आई देखो आई रेल
{9} ... Read more
* मेरी माँ है जग से न्यारी,
देती मुझको खुशियाँ सारी **
* मैं रोता माँ मुझे हंसाती,
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प्रभु ऐसा दो हमें वरदान
नापें हम तेरा आसमान
नहीं है धन दौलत की चाह
दिखाना आज़ादी की राह
ऐ काश, होते पंख हमारे
तोड़ ला... Read more
चिड़िया मैं चिड़िया
घूमूँ सारी दुनियाँ
जैसे पंखों वाली परियाँ।
गाँव देखूँ, शहर देखूँ
देखूँ फूलों वाली बगिया
जहाँ खिलखिलाती कल... Read more
कबूतर इस पक्षी का नाम
देता है अम्न का पैग़ाम
नभ में यह उड़ता जाता है
बच्चों को खूब लुभाता है
दूर गगन में उड़ जाता था
खत ... Read more
मेरी एक पुरानी बाल रचना आज पुनः आप सभी के समक्ष - 🙏😊👇
खजाना
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चलो क़िताबें करें इकट्ठी,
अपनी सभी पुरानी।
हम तो पढ़... Read more
काला हाथी गोरा हाथी
बच्चों का पर प्यारा साथी
अपनी सूंड हिलाता रहता
झूम झूम कर देखो चलता
छोटी आँखें छोटी पूँछ
बड़े कान ... Read more
बीता बचपन
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जब छोटे से बच्चे थे हम
नहीं शान थी राजा से कम
नखरे जितने दिखलाते थे
उतना प्यार अधिक पाते थे
सुन माँ... Read more
बाल दिवस, गोष्ठी आयोजित,
“रोको बालक श्रम” शीर्षक है |
अगर राह में कोई बालक,
श्रम करता ही दिख जायेगा,
उससे मैं अब क्या कह पाऊँ?
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बाल दिवस पर करो ओ बातें
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(1)
न सुबह का समय पता चलता,
न शाम का समय पता चलता।
थक कर जब स्कूल से आ... Read more
माना हैं धनवान नहीं हम
मगर किसी से कहीं नहीं कम
कुछ करके भी दिखलायेंगे
बड़ा हौसलों में रखते दम
विद्यालय भी जाकर पढ़ते
और काम ... Read more
बिट्टू ,किट्टू ,गुड़िया, प्राची
मम्मी- पापा,चाचा- चाची
बड़ी कार में हुये सवार
गंगा नहाने चले हरिद्वार
बड़ा मजा बच्चों को आया ... Read more
रंग बिरंगे पंखों वाली,
उड़ती जाए डाली-डाली,
फूलों का मन पढ़ती-पढ़ती,
रंगीन बनी तितली आली।
तितली मन को भाती इतनी,
फूलों की संगत ह... Read more
सुंदर पंखों वाला मोर,
छत पर नाचे करलो गौर,
नीली गर्दन मटके देख,
पीहू-पीहू अद्भुत शोर।
मस्ती छाई मन में मौन,
सोच नहीं है देखे ... Read more
तिनका खूब लाती चिड़िया,
घोंसला मस्त बनाती चिड़िया।
दाना ढूढ़ने निकली चिड़िया,
मिल बैठ के खाती चिड़िया।
देख परछायी अपनी चिड़िया,
फुद... Read more
छत पर आया मोटा बंदर
पक्षी खिसके पूंछ दबाकर
पहले काटा सब कपड़ों को
तोड़ा चिड़िया के अंडों को
ऊधम कुछ ऐसे भी काटा
फै... Read more
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो,
मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
सीख सीख कर सारी बातें,
तुमको... Read more
मि मि मि मि बोल रही है
करवट लेकर वो लेटी है
शायद अब पहचान हो गई
४ महीने की मेरी बेटी है
मम्मी पल भर दूर चली तो
उसको अब यत्र त... Read more
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112
मीठी कविता
है बात जलेबी डूबी जो चाशनी,
नर्म दिल तो देखो जैसे हो रसमलाई----2
लाते जो पेड़ा बर्फी
या कि गुलाब जामुन
क... Read more
गर्मी सर्दी बारिश सहना
पेड़ ठहरे धरा का गहना
अशोक पीपल जामुन बरगद
रोपकर इनको रहो गदगद
इनसे ही है दुनिया की रंगत
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सीखता है मनुज
जीवनपर्यन्त।
देह नष्ट हो जाती
मगर सीखना न अन्त
है नहीं ऐसा अगर
तो कहो फिर क्यों
हो जन्म भला ?
आत्मा ... Read more
सत्य अहिंसा पर चलना बापू जी ने सिखलाया था।
मानवता का सच्चा मतलब भी हमको समझाया था।
सादा जीवन उच्च विचार नियम था उनके जीवन का। ... Read more
आदत अच्छी ही डालो तुम
सभी को अपना बना लो तुम
बनाओ एक अलग पहचान
मन में हो सभी का सम्मान
मीठी जुबान, साफ़ किरदार
सबसे... Read more
प्राप्त किया जब हमने ज्ञान,
हमें कहाँ लाया विज्ञान।
रोज रात को छत पर अपनी,
देखा करते तारामंडल।
ध्रुवतारा ये चाँद सलोना ,
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कविता: दूध के दाँत
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नटखट छोटू लगा बिलखने
उसका दाँत लगा था हिलने
दाँत कहाँ से मैं लाऊँगा
बाबा जैसा हो... Read more
लौकी ने जिम खोला अपना
बरसों का था उसका सपना
तन्वंगी सी भिंडी रानी
बैठीं टीचर सी महारानी
सबको उसने पाठ पढ़ाया
मोटेपन स... Read more
सोचो सूरज नहीं निकलता
हमें बहुत अंधेरा खलता
किरणें धरती पर आती हैं
चिड़ियां मधुर गीत गाती हैं
दिखता मुखड़ा इसका प्यारा
र... Read more
चंदा मामा हम फिर आएंगे
परचम भारत का फहराएंगे
अभी तो संपर्क टूट गया है
हौसला हमारा और बढ़ा है
कुछ करके सबको दिखलाएंगे
चंदा माम... Read more
देखो टीचर की महानता
मिटाते हैं यही अज्ञानता
नेक राह की तरफ़ बढ़ाया
अज्ञानता का किया सफाया
सच्चाई का पाठ पढ़ाया
अंधकार को द... Read more
ऐसे इतवार मनाएं हम
पापा का हाथ बटाएं हम
अकेले करते रहते काम
नहीं मिलता उन्हें आराम
भाग- दौड़ में थक जाते हैं
ऑफिस में... Read more
सुंदर सी सर्पीली सड़क
पहले थी पथरीली सड़क
थक जाते थे सबके पांव
सरल है पहुंचना अब गांव
जहां पर चलना था मुहाल
बिछ गया है ... Read more
जीवन को अगर बनाना है
हमें पानी को बचाना है
गिर रहा धरती का जलस्तर
आओ रोकें इसको मिलकर
युक्ति सूझा रहे पुरुष महान
बिन पानी र... Read more
पापा के संग मेले जाना है
हमको खिलौने लेकर आना है
देखो उस तरफ झूलों की बस्ती
करेंगे वहां हम जमकर मस्ती
मौत का कुआं औ... Read more
बहुत ही प्यारी इसकी टोन
पापा लाए इक स्मार्ट फोन
सबका दिल यह बहलाता है
कार्टून खूब दिखलाता है
कितना अच्छा है इसका लुक
चला... Read more
यह देखो मेरी अलमारी
रंगत इसकी कितनी प्यारी
काम यह हमेशा आती है
घर की शोभा बढ़ जाती है
भीतर इसके कपड़े भरते
ऊपर फूल... Read more
यह तो हरदम चलती जाए
घड़ी सदा चलना सिखलाए
हमको नहाना - धोना है
कब हमें जगना सोना है
यह बात भी हमें बतलाए
घड़ी सदा चलना सिखलाए... Read more
आज इक खाना आबादी है
मेरी गुड़िया की शादी है
तुम सब बच्चों को आना है
शादी में मौज उड़ाना है
खाने की अब तैयारी है
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चलो सड़क पर देखभाल कर
स्वयं को नियमों में ढालकर
करो शौक से सैर - सपाटा
कभी न भरना तुम फर्राटा
गलत साइड,काम बचकाना
सड़क पर ... Read more