Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2017 · 1 min read

२१२२–११२२–११२२–२२
आयें कैसे

जाने वाले भी भला लौटके आयें कैसे
कशमकश ये है कि हम उनको भुलायें कैसे

आज हम रूठ गये उनसे तो मुश्किल होगी
वो भी रूठें हैं अभी हमसे मनायें कैसे

जाने कब बंट गये हम खुद ही पशेमां से हैं
सोचते हैं इन लकीरो को मिटायें कैसे

मेरी मिट्टी में है जां मेरी सुकूं दिल का है
तेरे कर्जे का लहू मेरा लुटायें कैसे

मैं दिलो जान से हाजिर हूं वतन की खातिर
मेरे पंखो में है परवाज़ बतायें कैसे

क्यूं नहीं रहते सभी मुल्क अपने हिस्से में
छोड़ना तेरा मेरा हैं ये सुझायें कैसे

राज जीवन का नहीं कुछ बस मुहब्बत यारो
प्यार ने जीती कई जंग बतायें कैसे

3 Likes · 497 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चाँद
चाँद
लक्ष्मी सिंह
कहानी :#सम्मान
कहानी :#सम्मान
Usha Sharma
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
मेरे हिसाब से
मेरे हिसाब से
*Author प्रणय प्रभात*
आशिकी
आशिकी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
"नायक"
Dr. Kishan tandon kranti
सभी कहें उत्तरांचली,  महावीर है नाम
सभी कहें उत्तरांचली, महावीर है नाम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोयम दर्जे के लोग
दोयम दर्जे के लोग
Sanjay ' शून्य'
नित्य प्रार्थना
नित्य प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
💐प्रेम कौतुक-481💐
💐प्रेम कौतुक-481💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का भविष्य
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का भविष्य
Shyam Sundar Subramanian
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
2770. *पूर्णिका*
2770. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नारी बिन नर अधूरा✍️
नारी बिन नर अधूरा✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खुर्पेची
खुर्पेची
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
कश्मकश
कश्मकश
swati katiyar
मुझ में
मुझ में
हिमांशु Kulshrestha
इक अजीब सी उलझन है सीने में
इक अजीब सी उलझन है सीने में
करन ''केसरा''
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मोदी एक महानायक
मोदी एक महानायक
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
प्यारा भारत देश है
प्यारा भारत देश है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...