Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2016 · 1 min read

3. पुकार

सुनो क्यूँ करते हो तुम ऐसा जब भी कुछ कहना चाहती हूँ दिल से ,
समझते ही नहीं मुझे ,जानते हो न मुझे आदत है यूँ ही आँसू बहाने की !

क्यूँ करते हो तुम ऐसा ,क्यूँ नहीं समझते मेरे जज्बात ,मेरी दिल्लगी ,

कल जब हम न होंगे तो , किसको सुनाओगे कहानी अपने दिल की !

आज वक़्त है तुम्हारा तो जलजले दिखाते हो ,कहती हूँ फिर दिल से ,

दूर नहीं वो दिन बगाबत पर उतर आएगी ,जब ये मेरे दिल की लगी !

क्यूँ अच्छा लगता है तुम्हें मेरा हर पल आंसुओं में डूबा हुआ चेहरा ,

क्यूँ नहीं आई होठों पर कभी हंसी और मुस्कराहट सुहानी सी !

चलो देखते हैं कब दौर खत्म होगा मेरी जिंदगानी के पल पल ढलते ,

खून और जलती हुई चिंगारियों का !
सहनशीलता की पराकाष्ठा बहुत है , शायद टूटना मुश्किल है मेरा ,

यही तो जिंदगी है और यही जिंदगी की समरसता है आज भी ,

चलो छोड़ो रहने दो तुम नहीं समझोगे कभी मुझे अपना दिल से !!

Language: Hindi
1 Comment · 787 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
2447.पूर्णिका
2447.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🍁
🍁
Amulyaa Ratan
"बताओ"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
shabina. Naaz
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बस का सफर
बस का सफर
Ms.Ankit Halke jha
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
Kanchan Khanna
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
मज़दूर
मज़दूर
Shekhar Chandra Mitra
लौट आओ ना
लौट आओ ना
VINOD CHAUHAN
सविधान दिवस
सविधान दिवस
Ranjeet kumar patre
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
DrLakshman Jha Parimal
*कामदेव को जीता तुमने, शंकर तुम्हें प्रणाम है (भक्ति-गीत)*
*कामदेव को जीता तुमने, शंकर तुम्हें प्रणाम है (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
भारत कि स्वतंत्रता का वर्तमान एवं इतिहास
भारत कि स्वतंत्रता का वर्तमान एवं इतिहास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
पूर्वार्थ
आश्रय
आश्रय
goutam shaw
एक नसीहत
एक नसीहत
Shyam Sundar Subramanian
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
Shiva Awasthi
जाति जनगणना
जाति जनगणना
मनोज कर्ण
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
संतोष करना ही आत्मा
संतोष करना ही आत्मा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
वक्त से पहले
वक्त से पहले
Satish Srijan
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
देश खोखला
देश खोखला
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
Loading...