26 रागनी श्याम रंग तेरा काला, कोये कहै सै मुरली आला, मनजीत पहासौरिया
श्याम रंग तेरा काला, कोये कहै सै मुरली आला,
तू सबका सै रुखवाला, मै करणा दर्शन चाऊ सूं..!!टेक!!
यशोदा का लाल कहै, फिरै चोर की डाल कहै,
नदी पर्वत ये ताल कहै, तेरा कण कण मे वास कहै,
तनै राधा के पास कहै, कोये मीरा तनै सांस कहै,
धन्ना जाट का खास कहै, गुण मै तेरे गाऊ सूं..!!१!!
धर्म पुण्य की जय बोल दी, नरसी तनै की आंख खोल दी,
तन मै सिलक तनै घोल दी, जब हरनंदी का भात भरा,
करकै वचन कदे ना फिरा, न्यू सबनै तेरा जिकर करा,
यो हृदय बाग होगा हरा, मै भी कर्म अपणा निभाऊ सूं..!!२!!
द्रोपत जाई सभा में नचा दी, आकै उसकी लाज बचा दी,
गीता की फेर नींव जचा दी, धर्म ईंट टेक कै,
कौरव सारे दे दिए भेठ कै, अठारा सोणी दल मेट कै,
आकै चक्र की चपेट कै, अधर्म नाश होया गिणांऊ सू..!!३!!
दीन दुखी के दाता, तुम सबके भाग्य विधाता,
यो मनजीत छन्द बनाता, जिसका गाम सै पहासोर,
वो करता भजन पै गोर, आणा कदे उस ओर,
उड़ै सरस्वती का जोर, न्यू बातां के पकोड़े खवाऊं सूं..!!४!!
रचनाकार:- पं मनजीत पहासौरिया
फोन नं० :- 9467354911