Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2019 · 1 min read

1014 श्याम की बँसी, राधा की पायल

श्याम की बँसी, राधा की पायल,
से जब, जग गुँजायमान होता है।
राग सजता है, धुन बजती है,
धरती पर स्वर्ग सा गुमान होता है।

नाचने लगती है गोपियाँ जब,
किसे अपना ख्याल होता है।
कृष्णमय हो जाती हैं सब,
तब, ना अपना आप होता है।

जन्म सफल हुआ दिखाई देता है।
जमुना तट ब्रम्हांड होता है।
खोए रासलीला में सब गुम,
सब का हृदय एक समान होता है।

मैं भी बन जाऊं गोपी सा।
खो जाऊँ मैं भी उस धुन में।
ना खबर रहे अपनी कोई।
मेरा भी ये अरमान होता है।

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 513 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr Shweta sood
शुक्रिया कोरोना
शुक्रिया कोरोना
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा
हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा
Sanjay ' शून्य'
3167.*पूर्णिका*
3167.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तितली
तितली
Manu Vashistha
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
देखा है जब से तुमको
देखा है जब से तुमको
Ram Krishan Rastogi
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
कड़वी  बोली बोल के
कड़वी बोली बोल के
Paras Nath Jha
दान
दान
Mamta Rani
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कर्मयोगी
कर्मयोगी
Aman Kumar Holy
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
माँ
माँ
ओंकार मिश्र
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
Dr Archana Gupta
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
💐प्रेम कौतुक-478💐
💐प्रेम कौतुक-478💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
Sakshi Tripathi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
rekha mohan
माँ भारती वंदन
माँ भारती वंदन
Kanchan Khanna
"पर्सनल पूर्वाग्रह" के लँगोट
*Author प्रणय प्रभात*
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
Loading...