Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2021 · 1 min read

?गज़ल?

??ग़ज़ल??
मीटर-1222/1222/1222/1222

तुम्हें हमसे शिकायत हो अगर कोई बताओ भी
अकेले हो उदासी में इधर आओ सुनाओ भी//1

कभी रूठे कभी भूले मिले दो दिल इबादत में
दिली उलझन मुहब्बत से अभी आकर मिटाओ भी//2

चली आओ पनाहों में बसा लूँ मैं निगाहों में
तुम्हीं हमदम तुम्हीं जानम मेरी भूलें भुलाओ भी//3

तुझे मेरा मुझे तेरा रहे इतबार अंबर सा
अरे महफ़िल सितारों में कभी ऐसी जमाओ भी//4

हुआ ‘प्रीतम’ फ़िदा तुझ पर दिलो-जाँ से मुहब्बत में
चली आओ हमें दिल से गले अपने लगाओ भी//5

??आर.एस.’प्रीतम’??

2 Comments · 298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
" मेरा राज मेरा भगवान है "
Dr Meenu Poonia
"साफ़गोई" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*दादी की बहादुरी*
*दादी की बहादुरी*
Dushyant Kumar
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
Dr Shweta sood
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
शिव प्रताप लोधी
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
Jo mila  nahi  wo  bhi  theek  hai.., jo  hai  mil  gaya   w
Jo mila nahi wo bhi theek hai.., jo hai mil gaya w
Rekha Rajput
■ लघुकथा...
■ लघुकथा...
*Author प्रणय प्रभात*
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
कवि रमेशराज
2805. *पूर्णिका*
2805. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जरा देख"
Dr. Kishan tandon kranti
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
वक्त से गुज़ारिश
वक्त से गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
Surinder blackpen
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
“पतंग की डोर”
“पतंग की डोर”
DrLakshman Jha Parimal
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
Naushaba Suriya
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
मेरा प्यारा भाई
मेरा प्यारा भाई
Neeraj Agarwal
सत्य ही शिव
सत्य ही शिव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सत्य
सत्य
लक्ष्मी सिंह
Loading...