Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2021 · 1 min read

#कविता//ऊँ नमः शिवाय!

#दोहे

जय शिव शंकर देव की , हरे सभी की पीर।
करे वंदना ध्यान धर , रहे न भक्त अधीर।।

बम-बम बोलो जोर से , मिलता देव प्रसाद।
महादेव के ध्यान से , उर मन होता शाद।।

#चौपाइयाँ

प्रभु अविनाशी जय शिव भोले।
सकल सृष्टि ताण्डव से डोले।।
ताप विनाशक मंगलकारी।
भाये तुमको वृषभ सवारी।।

चंद्र भाल पर गंगा कुंतल।
हाथ त्रिशूला नैना निश्छल।।
गले सर्प बाघम्बर धारे।
भस्म कलेवर गौरा प्यारे।।

नीलकंठ तुम शम्भु त्रिलोकी।
महाकाल तुम भक्त बिलोकी।।
देवों के देव तुम्हीं भोले।
खुश हो जाते बम-बम बोले।।

रिद्धि-सिद्धि के तुम हो स्वामी।
भक्तों की हरते नाकामी।।
हलाहल तुम्हीं पी जाते हो।
तभी सृष्टि प्रभु कहलाते हो।।

जप को तुम कैलाश विराजै।
नृत्य किया तो डमरू बाजै।।
जिसने तुमको मन से ध्याया।
भव-सागर से पार लगाया।।

शिव शंकर तुम करो उजाला।
बंद अक्ल का खोलो ताला।।
‘प्रीतम’ जग हित तुमको ध्याये।
विघ्न कटे मंगल हो जाये।।

#दोहा
महाकाल शिव आज फिर , करना जग का ध्यान।
द्वेष स्वार्थ में डूब कर , मनुज बना अनजान।।

#आर.एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 730 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
Vishal babu (vishu)
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
सौरभ पाण्डेय
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
वह तोड़ती पत्थर / ©मुसाफ़िर बैठा
वह तोड़ती पत्थर / ©मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
बातें कल भी होती थी, बातें आज भी होती हैं।
बातें कल भी होती थी, बातें आज भी होती हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
शक्तिशालिनी
शक्तिशालिनी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
Ajay Kumar Vimal
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
अलविदा
अलविदा
ruby kumari
जीवन के किसी भी
जीवन के किसी भी
Dr fauzia Naseem shad
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
शेखर सिंह
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
Yogendra Chaturwedi
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं हूं आदिवासी
मैं हूं आदिवासी
नेताम आर सी
जब आसमान पर बादल हों,
जब आसमान पर बादल हों,
Shweta Soni
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे दिल की गहराई में,
मेरे दिल की गहराई में,
Dr. Man Mohan Krishna
मजबूरी नहीं जरूरी
मजबूरी नहीं जरूरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कैसी
कैसी
manjula chauhan
Loading...