Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2017 · 1 min read

?स्वाधीनता दिवस एवम् श्रीकृष्ण जन्माष्टमी?

?? मनहरण घनाक्षरी ??
??????????

सत्तरवीं वर्षग्रन्थि
देश की स्वाधीनता की
गौरवमयी पल है
अटूट विश्वास है।

देश के शहीदन कूं
वंदन-नमन् करौ
बिनकी शहादत ते
जीवन की आस है।

संग श्यामसुंदर जू
आजु ही प्रकट होंय
अद्भुत अनूप दिव्य
आज द्यौस खास है।

बोल ”जय हिन्द” संग
”नन्द के आनन्द भये”
‘तेज’ भरौ जीवन में
उत्तम सुवास है।

??????????
?तेज मथुरा

269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनोखा दौर
अनोखा दौर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
किसी से उम्मीद
किसी से उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
निरंतर खूब चलना है
निरंतर खूब चलना है
surenderpal vaidya
सरहदों को तोड़कर उस पार देखो।
सरहदों को तोड़कर उस पार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
एक समय वो था
एक समय वो था
Dr.Rashmi Mishra
🪸 *मजलूम* 🪸
🪸 *मजलूम* 🪸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
वो मुझसे आज भी नाराज है,
वो मुझसे आज भी नाराज है,
शेखर सिंह
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
3005.*पूर्णिका*
3005.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुकान वाली बुढ़िया
दुकान वाली बुढ़िया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
SPK Sachin Lodhi
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चाँद
चाँद
Vandna Thakur
इस जमाने जंग को,
इस जमाने जंग को,
Dr. Man Mohan Krishna
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
Ravi Prakash
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
नारी तेरी महिमा न्यारी। लेखक राठौड़ श्रावण उटनुर आदिलाबाद
नारी तेरी महिमा न्यारी। लेखक राठौड़ श्रावण उटनुर आदिलाबाद
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
मुझे
मुझे "कुंठित" होने से
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
सौरभ पाण्डेय
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
💐प्रेम कौतुक-388💐
💐प्रेम कौतुक-388💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...