?आओ मनाये मकरसंक्रांति बिंदास?
?आओ मनाये मकरसंक्रांति बिंदास?
चहु ओर फैली हर्षोलास
चलो मनाये सबमिल,,
मकरसंक्रांति का त्यौहार बिंदास,,,
बाल गोपाल दे पतंग को ढील,,
पापा दादा चुकाये पतंग चकरा डोरी का बील।
गुड़ और तिल मिलकर बनाये स्वाद जायकेदार,,
सब मिलकर गाना गाये मजेदार,,
पतंग आसमान की छुए ऊँचाई,,
कटी पतंगआवाज देआपस मे दोस्त भाई- भाई।
ह्रदय के सारे क्लेश भेद मिटायें,,
आओ सब मकरसंक्रांति मनाये।
मुंगफली की खुशबू गुड़ तिल की मिठास,,,
सबके दिल मे उमड़ती जीवन जीने की आस।
गायत्री सोनू जैन मन्दसौर