Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2017 · 1 min read

??विश्व धरा के जन जन को दीपोत्सव मंगलमय हो ??

धवल प्रकाश विखेरे दीपक धरनी पर,
अलंकार ज्यों शोभित होते तरुणी पर,
नव तरुणी सी शोभा लेकर अपनी पावन संस्कृति हो,
विश्व धरा के जन जन को दीपोत्सव मंगलमय हो ।।1।।
ज्ञान ज्योति हरे अज्ञानतम हृदय आँगन पर,
ज्यों कलरव रत पक्षी मन को हरते तरुवर की टहनी पर,
नव टहनी सी शोभा लेकर,अपनी पावन संस्कृति हो,
विश्व धरा के जन जन को दीपोत्सव मंगलमय हो ।।2।।
सन्त दरश का हो प्रभाव मानव मन पर,
नव साधक ज्यों विश्वास जमाता भगती पर,
ईश भगति सी शोभा लेकरअपनी पावन संस्कृति हो,
विश्व धरा के जन जन को दीपोत्सव मंगलमय हो ।।3।।
श्वेत तुहिन चमकती गिरिराज हिमालय पर,
योद्धा की तलवार चमकती ज्यों रण आँगन पर,
रण आँगन सी क्रान्ति लिए,अपनी पावन संस्कृति हो,
विश्व धरा के जन जन को दीपोत्सव मंगलमय हो ।।4।।
गुरु से जुड़ने पर सत जुड़ जाता जीवन पर,
ज्यों आत्मज्ञान हिय में उपजै गीता गायन पर,
गीता गायन के आधारमयीअपनी पावन संस्कृति हो,
विश्व धरा के जन जन को दीपोत्सव मंगलमय हो ।।5।।

***अभिषेक पाराशर***

Language: Hindi
245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आओ चलें नर्मदा तीरे
आओ चलें नर्मदा तीरे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
देर तक मैंने
देर तक मैंने
Dr fauzia Naseem shad
नफरते का दौर . .में
नफरते का दौर . .में
shabina. Naaz
"आज मैंने"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्त संबंध
रक्त संबंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2337.पूर्णिका
2337.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जय जगन्नाथ भगवान
जय जगन्नाथ भगवान
Neeraj Agarwal
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
घर में दो लाचार (कुंडलिया)*
घर में दो लाचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीता जग सारा मैंने
जीता जग सारा मैंने
Suryakant Dwivedi
आश पराई छोड़ दो,
आश पराई छोड़ दो,
Satish Srijan
न थक कर बैठते तुम तो, ये पूरा रास्ता होता।
न थक कर बैठते तुम तो, ये पूरा रास्ता होता।
सत्य कुमार प्रेमी
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
■ चलते रहो...
■ चलते रहो...
*Author प्रणय प्रभात*
महिमा है सतनाम की
महिमा है सतनाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
पेड़ लगाए पास में, धरा बनाए खास
पेड़ लगाए पास में, धरा बनाए खास
जगदीश लववंशी
अर्पण है...
अर्पण है...
Er. Sanjay Shrivastava
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
अनिल अहिरवार"अबीर"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी MUSAFIR BAITHA
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Kathputali bana sansar
Kathputali bana sansar
Sakshi Tripathi
Loading...