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27 Apr 2020 · 1 min read

【【{{सियासती मोहब्बत}}】】

हर किरदार से इश्क़ निभाया गया,
बस इसी खता मे मेरा दिल बार बार
जलाया गया.

कोई नही यहाँ जिसको अपना कह सके,
सब अपनों के हाथों घर गिराया गया.

मोहब्बत के नाम के धंधे होते है सरेआम,
मीठी बोली से परिंदा फसाया गया.

तड़प तड़प के रह गयी आवाज़,
न किसी ने कुछ सुना न कोई हक
जताया गया.

चोट गहरी थी यादों की,करके क़ैद
अंधेरों में रुलाया गया.

फुर्सत न थी कोई दीया जला देता आकर,
जब भी जला कोई अरमान,हवायों से
बुझाया गया.

क़ैद होगयी रूह एक आईने में,न मिली
आज़ादी बस जिस्म पिघलाया गया.

खेल है सब सियासती मोहब्बत का,एक
आशिक़ को गले लगाया गया दूसरे को
क़त्ल करवाया गया।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 239 Views
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