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2 May 2020 · 1 min read

【【{{{{ये बेटियां}}}}】】

कोमल फूलों का संसार चाहती हैं,
ये बेटियां बस माँ बाप का प्यार चाहती हैं.

मिले इनको भी उड़ने को खुला आसमान,
तारों के शहर में चमकने का ख्वाब चाहती हैं।

कहे न कोई अभागन इनको,मारे न कोई कोख
में ही मिटाना ये अभिशाप चाहती हैं।

रुतबा इनको भी मिले बराबर का,फैला औरत के
जीवन में मिटाना अंधकार चाहती हैं।

बनकर साँसें निभाये जिंदगी भर जो साथ,बस
ऐसा पति से अधिकार चाहती हैं।

कभी आये न कोई कष्ट इनकी ज़िन्दगी पर,राखी
के धागे में बहने भाई से ये विस्वास चाहती हैं।

बनकर एक सखी जो साथ दे हर मुश्किल घड़ी,
ये बहनें अपनी बहन से करने सांझे सारे विचार
चाहती है।

बनाकर अपनी बेटी लगाकर रखे जो सीने से,एक माँ
के रूप में वो सास चाहती है।

ससुर भी रखे हाथ सर पर एक बाप बनकर,बस यही
अपनी खुशी का उनसे ये आर्शीवाद चाहती हैं।

बढ़ायें खुद भी अपने बच्चों को दुनिया में आगे,
सिखाना उनको ये सब संस्कार चाहती हैं।

बेटा बेटी में नही फर्क कोई,कभी देश पर आए बात
तो उठाना ये भी तलवार चाहती हैं।

मिटाकर कोई हवस,कोई तेज़ाब फेंके ना,जलें ज़िंदा
ऐसे मुजरिम बस यही इंसाफ चाहती हैं,बस यही
इंसाफ चाहती हैं।

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 291 Views
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