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25 Oct 2020 · 1 min read

【■ शराबी ■】

हालातों ने मुझको बनाया शराबी
वरना थी न मुझमें तनिक खराबी।

अब जो मैं पीता नजर आता हूँ,
समझों केबस गम भुलाए जाता हूँ।

बिन पिये रहे मेरे क़दम लड़खड़ाते
पीकर ही तो मैं सँभल पाता हूँ।

यूँ ही नही लगी मेरी जुबां पे शराब
बहुत पहले मुझपे गिरा था अज़ाब।

टूटा था दिल मेरा किसी बेवफ़ा से
बस तब से बनी मेरी दोस्त शराब।

आज पीता हूँ तो बुरा बन गया हूँ,
चुभता हुआ इक़ छुरा बन गया हूँ।

दिखता हूँ सबको मैं जैसे बेवड़ा
न जाने कोई मैं क्यों हूँ पीके पड़ा।

हँसता था मैं भी,कभी था मनचला
थी जीने की मुझके भी आती कला।

मंजिल की मुझको भी थी तलाश
पा केजिसे बुझाना चहता था प्यास।

के करके प्यार फिर इक़ बेवफ़ा से
लि आया ज़िन्दगी नरक के पास।

जताया जिसने कुछ दिन का प्यार
बाद छोड़ मुझपे किया अत्यचार।

बस तब से बनी शराब मेरी सहारा
साये में अपने मेरा हर दिन गुजारा।

नज़रों में सबकी मैं बहुत बदनाम हूँ
पर न पूछा किसी ने क्यों परेशान हूँ।

अरे उनसे तो अच्छी है मेरी शराब
रखती है जो मेरे हर ग़म का हिसाब।

Language: Hindi
1 Like · 264 Views
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