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26 Oct 2017 · 1 min read

❇ *उस के आगे*❇

उस के आगे

गुलमोहर भी कमतर है इस गुल के आगे,,
मन्द सा होता सारा शहर इस पुल के आगे,,

कोई निगहबानी करता है कोई चाकरी,,
कोई एक मुश्त कोई किश्त बंधी है आखरी,,
सब लाइन में लगे है इस हाउसफुल के आगे,,

इनायत भी इबादत भी कयामत तक कर लेंगे,,
जीना है,और जीते है,गर कहो तो मर भी लेंगें,,
आपसे हंसी हरदिल अजीज संगदिल के आगे,,

चलो यू ही चले चले राहे मंजिल के लिये,,
धीरे धीरे बढे दोस्ती की महफ़िल के लिये,,
कोई और न मिल जाये उस साहिल के आगे,,

मन तरंग सा ले हिलोरे तन सिहरन से भर जाये,,
बेताबी का आलम ऐसा नूर नजर हर बार आये,,
कुछ तो उसका असर है जो प्रेम जाहिल के आगे,,

मेरे तेरे ये अपसाने बेदर्द जमाने बुल के आगे,,
कम मनु सब नजराने उस प्यारी बुलबुल के आगे,,

मानक लाल मनु

Language: Hindi
219 Views
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