★सरस्वती वंदना★
सरस्वती वंदना
हे मात सरस्वती,हे मात सरस्वती।
अज्ञानता को, तुम हमारे मिटाती।
तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजती,
माँ वीणा वादिनी,तुम ही कहाती।
तुम ही अगम स्वर, ज्ञान को देती।
माँ मन बुद्धि पवित्र,तुम ही बनाती।
हे मात सरस्वती…………
अज्ञानता को तुम……….
संगीत की देवी ,तुम हो कहाती।
मैं हर शब्द तेरा,हर गीत गाती।
झूट और पाप को तुम ही मिटाती।
ज्ञान का दीपक, माँ तुम ही जलाती।
हे मात सरस्वती……..
अज्ञानता को तुम…………
सात स्वरो के तुम वरदान देती,
विधा की माँ तुम सरिता बहाती।
शरण तुम्हारे जो भी आता,
माँ तुम उसे पार लगाती।
हे मात सरस्वती……..
अज्ञानता को तुम……..
सोनू जैन मंदसौर