●बस सब छू जाना चाहती हूँमैं●
अपने ही बलबूते पर आगे बढ़ जाना चाहती हूँ मैं,,
कछुआ की चाल से ही सही,पर जीत जाना चाहती हूँ मैं।
माना कि चलने में साथ देगा नही कोई,
अपने ही मजबूत हौसलो के साथ मंजिल को पा जाना चाहती हूँ मैं।
कठिन है राह मंजिल तक पहुँचना आसान नही,,
पर लड़खड़ाते ही सही बुलंदियों को छू जाना चाहती हूँ मैं।
कोई रूठे न सोनू से रही हरदम यही आरजू,,
दोस्तो की खुशियों के लिए सिर्फ दुआ चाहती हूँ मैं।
✍✍✍ सोनू जैन मंदसौर