◆सब गम को सह सको सीख लो तुम ऐसी पैतरेबाजी◆
सब गम को सह सको सीख लो तुम ऐसी पैतरेबाजी
■ सोनू भी अब बेशर्म हुई जा रही,
काम करे बेशर्मी वाला जो उसे बेशर्म कहे जा रही।
■ नही आती जिसे धोखे बाजी,,
वो माता पिता सहे जा रहे है बेटो की मक्कारबाजी।
■ आशा में बंधी थी जीवन डोर राखी,,,
वो बहन भी सह न सकी भाभी की दख़ल अंदाजी
■ रिश्ते नाते निभाना कोई आसान नही,,
सब गम को पी सको सीख लो ऐसी पैतरे बाजी।
■ माँ बाप भाई बहन के प्रेम बीच न आ सके कोई चारदीवारी,,,
ऐसी न रखो दोस्तों किसी से तुम यारी।
गायत्री सोनू जैन मंदसौर