■मेरी परछाई साथ देती है■
* मेरी परछाई साथ देती है*
मेरी परछाई मेरे संग संग चलती है,,
मुझसे भी ज्यादा लम्बी कभी वो दिखती है।।
हरवक्त मेरी परछाईं मेरे साथ -साथ है,,
सब साथ छोड़ जाते पर साया बनके साथ रहती है।।
सुख दुख में हर वक्त मेरे संग बनी रहती है,,
जब में हँसती मुस्कुराती हूँ वो भी मेरी नकल करती है।
कभी आगे तो कभी पीछे चलती है,,
मेरी परछाई मेरे तन्हाई में दोस्ती निभाती है।
मेरा ये प्रतिबिम्ब मुझे ही दिखाती है,,
दिन हो या रात कभी साथ नही छोड़ती है।
मेरी परछाई केवल एक ही रंग दिखाती है,,,
काली है पर सिद्दत से साथ निभाती है।
गायत्री सोनु जैन मन्दसौर