■दुश्मनो को खाख में मिला देते है जवान अपनी मातृभूमि के लिए■
दुश्मनो को खाख में मिला देते है जवान अपनी मातृभूमि के लिए
◆ वतनपरस्ती की तमन्ना लिये,,
दुश्मनो से लड़ जाते है जवान वतन के लिये,,
◆ धरती माँ की माटी से तिलक लगा कर,,
दुश्मनो के सीने छलनी करने कूद जाते है,,
जवान जंग में लड़ने के लिये,,
◆ जो करे हमला सरहद पार से छुप छुपकर,,
ऐसे आंतकियों के घरो में बेख़ौफ़ घुस जाते है,,
जवान उन्हें राख और खाख में मिलाने के लिये,,
◆अगर घेर भी ले दुश्मन चारो ओर से,,
घुटने नही टेकता वो आखरी साँस तक, लड़ जाता है जवान अपनी मातृभूमि के लिये,,
◆जाति मजहब और धर्म से ऊपर होता है,,
वतन का सम्मान जवान के लिए,,
◆अगर देश की रक्षा में रोड़ा बन जाये,,
ये रिश्ते नाते सब त्याग कर जाते है जवान अपने वतन के लिये,,
◆सोनू भी लिखती है कविताएं अपने देश के रखवालो के लिये,
न डरती है,न डरेगी देश के गद्दारो के खिलाफ लिखने के लिये,,
सोनू जैन मंदसौर