■आसमाँ से कोहरा बरस रहा■
आसमाँ से कोहरा बरस रहा
★आसमाँ से कोहरे की बारिश हो रही,,
कैसे आऊ पिया मिलन को राह नही दिख रही।
★मन डोले बार बार अखियाँ रो रही,,,,
मजबूरी के कारण मैं चार दिवारी में घिर गईं।
★कदम मेरे राह डगमगा रही,,,
पिया की याद में प्रियतमा अश्रु बहा रही।
★ कोहरे की धुंद से दुनियां ठिठुरा रही,,,
सूरज की रोशनी को अखियाँ तरस रही।
★खुल जा ये मौसम अलबेला प्रेयसी कह रही,,
पिया की याद में तार तार रो रही।
गायत्री सोनू जैन मंदसौर