■आसमाँ ने सितारों की चादर ओढली■
आसमाँ ने सितारों की चादर ओढली
◆ आसमाँ ने सितारों की चादर ओढली,,
चाँद ने भी जग को रोशनी दे दी।
◆ पेडों और झाड़ियों ने पँछीयों को पनहा दे दी,,,
खो जाइये सपनो में आँखों ने पलको को आराम करने वजह दे दी।
◆ दिन भर इधर उधर दौड़कर तक गया हर इंसान,,
निशा ने भी सबको ठहर जाने की वजह दे दी।
◆चाँद को देख महबूब की याद प्रेयसी कर रही,,
तन्हाई में रोने को खुदा ने गम की गठरी दे दी।
◆ सोनू का सबसे स्नहे यूँ ही जग में बना रहे,,,
सोनू ने भी सबको शुभरात्रि की शुभकानाएं दे दी
सोनू जैन मंदसौर??