Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2017 · 1 min read

≈≈≈ मेहनत बनाम किस्मत ≈≈≈

मेहनत बनाम किस्मत
// दिनेश एल० “जैहिंद”

मेहनत से सारी बलाएं टल जाती हैं ।
कर्म के भय से शिला पिघल जाती है ।।

कर्मवीरों को हिमगिरि भी चुमता है ।
सागर नीर सोखकर राहें छोड़ता है ।।

कर्मठों के आगे मुसीबतें नहीं भोंकतीं ।
चट्टानें भी खुशी-खुशी रास्ता छोड़तीं ।।

वायु भी देख निज दिशा बदल देता है ।
तूफ़ान भी देख इन्हें दूर भाग जाता है ।।

कायरों को हर खुशी दर से भगाती है ।
वीरो को हर प्रसन्नता पास बुलाती है ।।

अपने हाथ हैं दो तो साथ जगन्नाथ है ।
हिम्मत साथ हो गर सफलता पास है ।।

साहस साहसी का सारथी हर समय है ।
हिम्मती ही धरती पर जिता निर्भय है ।।

===============
दिनेश एल० “जैहिंद”
19. 07. 2017

Language: Hindi
323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जाति-धर्म में सब बटे,
जाति-धर्म में सब बटे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जानते हो मेरे जीवन की किताब का जैसे प्रथम प्रहर चल रहा हो और
जानते हो मेरे जीवन की किताब का जैसे प्रथम प्रहर चल रहा हो और
Swara Kumari arya
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
दूर देदो पास मत दो
दूर देदो पास मत दो
Ajad Mandori
रण प्रतापी
रण प्रतापी
Lokesh Singh
नयी भोर का स्वप्न
नयी भोर का स्वप्न
Arti Bhadauria
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
Paras Nath Jha
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
Ram Krishan Rastogi
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
■ सबको पता है...
■ सबको पता है...
*Author प्रणय प्रभात*
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धैर्य.....….....सब्र
धैर्य.....….....सब्र
Neeraj Agarwal
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
Manisha Manjari
सोच ऐसी रखो, जो बदल दे ज़िंदगी को '
सोच ऐसी रखो, जो बदल दे ज़िंदगी को '
Dr fauzia Naseem shad
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
छीज रही है धीरे-धीरे मेरी साँसों की डोर।
छीज रही है धीरे-धीरे मेरी साँसों की डोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
Sanjay ' शून्य'
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
खालीपन - क्या करूँ ?
खालीपन - क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बड़े इत्मीनान से सो रहे हो,
बड़े इत्मीनान से सो रहे हो,
Buddha Prakash
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
Er. Sanjay Shrivastava
सच्चा धर्म
सच्चा धर्म
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
धरा
धरा
Kavita Chouhan
சிந்தனை
சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...