‼चाहा करते है⁉
‼चाहा करते है⁉
रात की तन्हाई में छुप -छुप रोया करते है:::
कुछ ऐसे ही जख्मो को सिया करते हैं:::
हकिकत में मिलना शायद नशीब में नही मेरा:::
सपनो मिलन हो जाये यही चाहा करते है:::
मांगते है पल पल दुआओ में तुझे:
कभी तो काबुल करेगा खुदा यही विस्वास रखते है:::
शोहरत न दौलत की ख्वाइश है:::
बस मेरा हो जाये यही तमन्ना रखते है::
⌛सोनु जैन⌛मंदसौर⌛