Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2020 · 1 min read

‌‌-मेरा आक्रोश

– मेरा आक्रोश

कहने को तो आजादीआ गई,
पर बेटियां की आजादी कहां गई???
क्यूं नहीं है आज भी बेटियां आजाद???
अकेली नहीं जाएंगी घर से बाहर
हर मां के यहीं घबराते अल्फाज।
कब मिटेगा मां का ये संताप ?
क्यूं होते रोज- रोज रेप ,गैंगरेप ?
कैसे खत्म होगा ये घिनौना पाप ?
कुछ दरिंदों की वजह से बेटियों
की आजादी संकट में आ गई,
उन दरिंदों की सारी
इंसानियत कहां मर गई ?
हाथरस रेप की घटना जब चल रही,
बलराम में फिर से रेप कहानी घट गई,
अंतरात्मा मेरी झकझोर गई ?
****** ?
गुस्से की भावना सबके मन घर कर गई,
सालो को ! जिन्दा मत छोड़ो,
तड़पा – तड़पा कर दरिंदों को
गर्म पानी में घोलो,
*****?
हर मां से मेरी विनती है !
अपने बेटों को नारी सम्मान सिखाएं,
सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारतको स्वर्ग से सुन्दर बनाएं।

-सीमा गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)
चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दर्द की मानसिकता
दर्द की मानसिकता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
Vedha Singh
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
"चांदनी के प्रेम में"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
Taj Mohammad
मैं राम का दीवाना
मैं राम का दीवाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
वो इँसा...
वो इँसा...
'अशांत' शेखर
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
सावन महिना
सावन महिना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
कवि दीपक बवेजा
कहीं साथी हमें पथ में
कहीं साथी हमें पथ में
surenderpal vaidya
प्यार में
प्यार में
श्याम सिंह बिष्ट
3168.*पूर्णिका*
3168.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये कमाल हिन्दोस्ताँ का है
ये कमाल हिन्दोस्ताँ का है
अरशद रसूल बदायूंनी
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
■ होली की ठिठोली...
■ होली की ठिठोली...
*Author प्रणय प्रभात*
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Sukoon
हम वो हिंदुस्तानी है,
हम वो हिंदुस्तानी है,
भवेश
एक शाम उसके नाम
एक शाम उसके नाम
Neeraj Agarwal
Loading...