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8 Mar 2020 · 1 min read

२ मुक्तक

प्रीत की, रीत ही रीत बनाये l
यूँ अपनी, जीवन जीत मनाये ll
चलो बनाये,अब कुछ, प्रीत गीत l
चलो मधुर, प्रीत संगत गायें ll

प्रीत राह में, अंधेरा क्यों है l
शंका, भय का, ये घेरा क्यों है ll
प्यास, है सहज सरल सुलझा समा l
ये कुछ, ना ना का फेरा क्यों है ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 203 Views
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