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24 Feb 2021 · 1 min read

-:।। हमारा गांव ।।:-

गांव हमारा स्वर्ग से सुंदर इसकी छंटा निराली है
गईया, बच्छवा, बकरी, बिल्ली सबकी चाल निराली है
चौबारों पर बिरहा, कीर्तन की शान निराली है
बाल गोपाल की टोली फिरती धुन मतवाली है
ताल, तालियां, नदी, नाला, पोखर की धुन सुर वाली है
जामुन, महुवा, आम की हर डाली फल वाली है
कटहल, गूलर, ताड़ की हर डाली रस वाली है
बरगत, पीपल, बांस ही करता घर की राख वाली है
यहां हर आंसू रामायण अपना कर्म गीता वाली है
यहां की सीधी सदी भाषा जनता भोली भाली है

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 595 Views
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